बिहार के पहले चरण के प्रचार के लिए फाइनल राउंड शुरू हो चुका है। 28 अक्टूबर को होने वाले पहले दौर के मतदान के लिए 26 तारीख को प्रचार थम जाएगा। इसी को देखते हुए सभी दलों ने अपने धुरंधर नेताओं को मैदान में उतार दिया है। सामने वाले की परवाह किये बगैर हमला बोलने वाले भाजपा के फायरब्रांड हिंदुत्ववादी नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी मंगलवार से चुनावी फिजां में गर्मी लाने वाले है ।
बिहार में कश्मीरी आतंकवादी से लेकर जिन्ना तक की एंट्री हो चुकी है। बीजेपी ने इसी फ़ार्मूले पर उनकी चुनावी सभाएं तय की हैं। सीएम बनने के बाद से वे हर चुनाव में पार्टी की तरफ़ से स्टार प्रचारक बनाए जाते रहे हैं।
पीएम नरेन्द्र मोदी 23 अक्टूबर को सासाराम से चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगे। उससे ठीक तीन दिन पहले यूपी के सीएम योगी आज कैमूर में पहली चुनावी रैली करेंगे। वह आज अरवल और रोहतास में भी जन सभाओं को संबोधित करेंगे। इन इलाक़ों में बीजेपी के बाग़ी उम्मीदवारों ने एनडीए की चिंता बढ़ा दी है। ये यूपी से सटे इलाक़े हैं।
योगी आदित्यनाथ बिहार में क़रीब 18 सभाएं करेंगे। एक दिन में कम से कम तीन। बता दें बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू के कई नेताओं ने अपने इलाक़े में योगी की रैली कराने की मांग की है। बीजेपी की योजना उन जगहों पर योगी का कार्यक्रम कराने की है, जहां मोदी की रैली नहीं होगी। योगी आज कैमूर अरवल और रोहतास में जनसभा को संबोधित करेंगे।
इधर बिहार में लापरवाहीपूर्ण जनसभाओं के चलते कोरोना के मामले भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. जिस प्रकार नामांकन से लेकर प्रचार तक में कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियाँ उड़ाई जा रही है उसने स्वास्थ्य महकमे को चिंता में डाल दिया है. बेहतर होता अगर ये नेता थोड़ी संवेदनशीलता दिखाते हुए जनसभाए न करते।