अद्भुत वन्यजीव फोटोग्राफर योगेश भाटिया 

वन्यजीव फोटोग्राफी की दुनिया में योगेश भाटिया नाम काफ़ी प्रसिद्ध है। जुनून हो तो उम्र के कोई मायने नही होते, यह बात दूसरी है जब लोग रिटायरमेंट की तैयारी करते है तब कुछ अद्भुत व्यक्ति नए क्षेत्र में प्रवेश करते है ।

योगेश भाटिया को बचपन से ही फ़ोटोग्राफी का शौक तो था लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी और व्यापार में व्यस्तता के चलते शौक को असल जामा नही पहना पाये ।

आज उन्हें  खुशी है व्यापार में सफ़लता की ऊंचाइयों को छूने के बाद और दोनो बच्चे जर्मनी में अपने अपने कामों में व्यवस्थित हो गए तो वाइल्डलाइफ फ़ोटोग्राफी के शौक को व्यवसायिक पहचान दी और विश्व में पहचान बनाई।

अब वह वन्यजीव फ़ोटोग्राफी और प्रकृति के सरक्षण में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। उनकी उपलब्धि ने न केवल उनके साथी फोटोग्राफरों को प्रेरित किया, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपने दृष्टिकोण से प्रेरित किया है।

योगेश भाटिया की तत्कालिक उपलब्धि है हिम पैंथर की विशेष फ़ोटो खींचने की, इस तरह हिम पैंथर के फ़ोटो खींचने की तलाश में बड़े से बड़े वन्य जीव फोटोग्राफरों का पूरा जीवन लग जाता है ।

योगेश ने 14000 फीट की ऊँचाई पर हिम पैंथर की शानदार तस्वीर कैद की, इस खुबसूरत हिम चीते की फोटो खींचने के लिए मुझे 8 घण्टे तक एक ही स्थान पर इंतजार करना पड़ा लेकिन कठिन धैर्य के बाद जो परिणाम आया वो फोटो के माध्यम से आपके सामने है। उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है यह शानदार धैर्य और दृढ़ता का फल ।

सोनी आल्फा 1 कैमरे के साथ जुड़े 400 मिमी जी मास्टर एफ 2.8 लेंस के साथ योगेश भाटिया ने उपकरणों का उपयोग करके अद्वितीय तस्वीरें बनाई। वे वन्यजीवों के प्राकृतिक सौंदर्य को उज्जवल और कठिन दृश्यों के साथ मिलाकर प्रस्तुत करते हैं।

उनके कैमरे ने अफ्रीकी सवानों और भारतीय जंगलों की जटिलता को प्रकट किया है, प्रत्येक फ़ोटो वन्यजीवों की खासियत और सहनशीलता की प्रशंसा करती है।

योगेश भाटिया की कहानी वन्यजीवों के प्रति आकर्षित करने वाली नई पीढ़ी को प्रेरित करती है, उनके काम ने अफ्रीकी और भारतीय दिलों में वन्यजीवों के प्रति आकर्षण को बढ़ावा दिया है ।

उनकी प्रेरणास्त्रोत की भूमिका सीमाओं को पार करती है, संस्कृतियों को जोड़ती है, और नेचर की महानता की प्रतिष्ठा को उच्च स्थान पर लाने में मदद करती है।

जैसे-जैसे उनका काम आगे बढ़ा है, योगेश भाटिया की दिलचस्प छवियाँ वन्यजीवों और उनके आवासियों के प्रति गहरी प्रशंसा को बढ़ावा देती है,

हमें कला, प्राकृति, और मानव आत्मा के बीच के गहरे संबंध की महत्वपूर्ण बातों की याद दिलाती है। योगेश भाटिया का मानना है आज सबके हाथ में स्मार्ट फ़ोन है मैं बच्चो से अपनी युवा  साथियों से कहना चाहता हूं प्रतिदिन कुछ फोटो प्रकृति के अवश्य खींचे इससे आपका प्रकृति से लगाव बढ़ेगा उसको बचाने की चाह बढ़ेगी। उन फोटो का संकलन करे कुछ समय बाद आप पायेंगे फ़ोटो की भीड़ में कुछ फोटो अद्भुत नजर आयेंगे। अब उसी तरह के फोटो खींचने में रुचि दिखाएं।

प्रकृति को सहजने और संवारने की जिम्मेवारी आज की पीढी की है ।

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