प्रसिद्ध रसायनशास्त्री प्रो. विश्वनाथ प्रसाद वर्मा का बिहार के गया में हृदयगति रुकने से देहांत हो गया। वे 90 वर्ष के थे। प्रो वर्मा मगध विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे। वे मुंगेर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डा. रंजीत कुमार वर्मा के पिता थे। उनका अंतिम संस्कार आज गया में किया गया।
प्रो विश्वनाथ प्रसाद वर्मा ने बिहार के मगध विश्वविद्यालय की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभायी थी। मगध विश्वविद्यालय जिस विशाल भू-भाग पर बसा है उसका बड़ा हिस्सा उनके प्रयासों से ही दान में प्राप्त हुआ था। गया कॉलेज की स्थापना में भी उनका योगदान रहा। उनकी छवि बिहार के एक प्रख्य़ात शिक्षाविद् की भी रही। वे मगध विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहे थे। उनके कार्यकाल के दौरान ही बिहार में पहली बार रसायन सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण शोध पत्र पढ़े गये थे और इसकी महत्ता के लिए इसे आज भी याद किया जाता है। सत्तर के दशक के प्रारंभ में उन्होंने थर्मल एनालाइसिस से संबंधित शोध से मगध विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी थी। बाद में उन्होंने थर्मोग्रैवीमैट्रिक एनालाइजर पर काम किया और उनके कई शोध पत्र अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओँ में प्रकाशित हुए। इससे मगध विश्वविद्यालय की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुई।
प्रो विश्वनाथ प्रसाद वर्मा भारत विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। उनके बड़े पुत्र डॉ रंजीत कुमार वर्मा वर्तमान में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। उनके दूसरे पुत्र अतुल वर्मा यूएसए के बॉस्टन में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं। उनकी पुत्री डॉ सुषमा वर्मा चिकित्सक हैं। उनकी छवि बिहार के एक प्रख्य़ात शिक्षाविद् की भी रही।