नयी दिल्ली, 5 जनवरी 2020। पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान से आए गैर हिंदु, सिख, जैन, ईसाई और बौद्ध शरणार्थियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अब आपके दुख के बादल छंट गए हैं और आप भारत में इज्जत के साथ सिर ऊंचा करके रहो, भारत तुम्हारे साथ खड़ा है। इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम पर आयोजित, संभ्रम से सच की ओर विषय पर संवाद कार्यक्रम में कानून मंत्री ने कहा कि तीन पड़ोसी इस्लॉमिक देशों में गैर मुस्लिमों पर अमानवीय जुल्म ढ़ाए गए। दुखी हो कर वो भारत आए, इन लोगों को नागरिकता देने का विरोध और रोहिंग्या की चिंता कर रहे लोग विशुद्ध रूप से वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीन रहा है। लोकतंत्र में शांति पूर्ण प्रदर्शन और विरोध का अधिकार सबको है लेकिन भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होनें कहा विश्व हिंदु परिषद इन लोगों के हितों और कल्याण में बरसों से लगी है। परिषद की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। कानून मंत्री ने पाक पीड़ित हिन्दू की एक नवजात बच्ची जिसका नाम ही ‘नागरिकता’ रखा गया है, को उसकी मां आरती के साथ मंच पर बुला कर कन्या के रूप में उसका सम्मान करते हुए लाल चुनरी उढ़ायी।
दिल्ली के सिरी फोर्ट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में तीनों पड़ोसी देशों से आए शरणार्थी भारी संख्या में अपने अपने परिवारों के साथ आए हुए थे। वे बीच बीच में ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लगा कर अपनी प्रसन्नता का प्रदर्शन कर रहे थे।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय नवजागरण की पाक्षिक पत्रिका ‘हिन्दू विश्व’ के ‘नागरिकता कानून’ विशेषांक का विमोचन भी किया गया।
विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष एडवोकेट श्री आलोक कुमार ने कहा कि तीन पड़ोसी मुस्लिम देशों से प्रताड़ित हो कर भारत आए शरणागतों को भारतीय नागरिकता देना अटल निर्णय है, इसको बदलेंगें नहीं। यदि इसका विरोध करने वालों ने हिंसा करने का मन बना ही लिया है तो भारत सरकार और समाज दोनों ही इसका सामना करने में सक्षम हैं। सीएए का विरोध करने वालों से, पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि यदि पाकिस्तान की बिटिया जगजीत भारत में शरण मांगेगी तो तुम्हारा क्या जवाब होगा? उन्होने कहा कि कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन करने वालों के घर तो उनका हाल चाल पूछने तो जाती हैं लेकिन आज तक कभी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए पीड़ित हिंदू और सिख शरणार्थी कैंपों में नहीं गयी?
विश्व हिंदू परिषद के विश्व समन्वय विभाग को देखने वाले केंद्रीय मंत्री श्री प्रशांत हरतालकर दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं की दशा दिशा जानने के लिए अनेक देशों की यात्राएं करते हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में गैर मुस्लिमों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहारों के दृष्टांत रखते हुए उन्होने बताया कि अफगानिस्तान में अब केवल पांच सौ सिख बचे हैं। उनको भी एक दिन भारत आना ही पड़ेगा। सभागार में उपस्थित सभी शरणार्थियों का अभिनंदन करते हुए उन्होनें कहा कि अब उन्हें नागरिकता का जो अधिकार मिला है ये अपने साथ बहुत सारे कर्तव्य भी लेकर आया है। उन्हें भारत के प्रति अपना कर्तव्य भी निभाना है। उन्होनें सभागार में उपस्थित लोगों से नारे लगवाए – ‘कहो गरज कर हम हिंदु हैं – हिंदोस्तान हमारा है’। सम्पूर्ण सभागार इस जोशीले नारे से गूंज उठा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री इन्द्रेश कुमार ने गत 1500 वर्षों के इतिहास का वर्णन करते हुए कहा कि हमने विदेशों आए अनेक धर्मावलम्वियों व मत-मतान्तर के लोगों को शरण, सहायता व सहोदर के भाव के साथ अंगीकार किया किन्तु आज बड़ा दुर्भाग्य है कि कुछ लोग मात्र अपने राजनैतिक स्वार्थ सिद्धि को लिए पीड़ितों को न्याय देने का भी विरोध कर रहे हैं। भगवान उनको सद्बुद्धि प्रदान करें. उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान सहित किसी भी देश ने यह नहीं कहा कि हमारे यहां अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित नहीं किया जाता। इसके अलावा दुनियाभर के किसी भी यहूदी, क्रिस्चियन, मुस्लिम या बुद्धिस्ट देश ने यह नहीं कहा कि उक्त तीनों देशों के अल्पसंख्यकों को वे अपने यहां की नागरिकता देंगे। जबकि 50 से ज्यादा मुस्लिम,150 से ज्यादा क्रिस्चियन और यहूदी देश हैं। इसके अलावा 30 बुद्धिस्ट देश हैं। केवल भारत ने उन्हें नागरिकता देने का कानून बनाया है। इसकी दुनियाभर में तारीफ होनी चाहिए जबकि कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शनों की आड़ में कोई हिंसक, अराजक, असंवैधानिक, अशिष्ट या राष्ट्रद्रोही व्यवहार करे तो भारत कदापि स्वीकार नहीं करेगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में राजधानी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी हिंदुओं और सिखों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी को बार बार नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए तथा विश्व हिन्दू परिषद् को उनका संरक्षण, सुरक्षा व अनवरत रूप से हर मामले में सहायता देने हेतु कृतज्ञता व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी अत्याचारों की अपनी दर्द भरी दास्तानें सुनायी। दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले हिंदु शरणार्थियों के प्रतिनिधि राहुल ने कहा कि अब हमें कोई पाकिस्तानी ना कहे हम हमेशा से हिंदुस्तानी थे, हैं और रहेंगें। क्योंकि हमने पाकिस्तान मांगा ही नहीं था। राम मंदिर के फैसले पर भी उन्होने अपार खुशी जतायी।
मजनूं का टीला के हिंदु शरणार्थियों के प्रतिनिधि श्री सोनादास ने कहा कि हम बहुत गरीब हैं और साथ ही हमने पाकिस्तान में बहुत जुल्म सहे अब भारत सरकार की कृपा से नागरिकता मिल गयी तो सब दुख भूल जायेंगें। अफगानी सिखों की दीवान खालसा संस्था के अध्यक्ष श्री मनोहर सिंह ने कहा कि अब हमारी पहचान भारतीय सिखों के रूप में होगी हमने और हमारे बच्चों ने दर दर की ठोकरें खायीं हैं। निखिल भारत बंगाली समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री बिनय कुमार बिश्वास ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू नारकीय जीवन जी रहे हैं। वहां विश्व हिंदु परिषद एक पंजीकृत संस्था है और 64 जिलों में वीएचपी काम कर रही है। बिनय विश्वास ने कहा कि हिंदुओं के तैंतीस करोड़ देवी देवता हैं लेकिन हमारा तो एक ही देवता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। बलोचिस्तान और सिंध पाकिस्तान के ऐसे क्षेत्र हैं जहां हिंदुओं पर सबसे ज्यादा जुल्म ढ़ाए जाते हैं। हिंदु लड़कियों को अगवा किया जाता है जबरन निकाह करके मुसलमान बनाया जाता है। बलोचिस्तानी शरणार्थियों के प्रतिनिधि श्री गोवर्धन दास ने दिल दहला देने वाली बातें बतायीं कि वहां हिंदुओं और सिखों पर कैसे जुल्म ढ़ाए जाते हैं। पुलिस, दबंगों और आतंकवादियों के जुल्म तो बात ही क्या, पाकिस्तान का तो एक भिखारी भी हिंदुओं पर धौंस जमाता है।
विहिप दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र गुप्ता द्वारा संचालित इस कार्यक्रम को महा मंडलेश्वर पूज्य स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज, साधना समाचार समूह के अध्यक्ष श्री राकेश गुप्ता व विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने भी सम्बोधित किया. कार्यक्रम में जैनाचार्य श्री लोकेश मुनि, विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मुकेश खाण्डेकर, प्रांत अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना, कार्याध्यक्ष श्री वागीस इस्सर, उपाध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद व श्री वैभव शर्मा, महा-मंत्री श्री बच्चन सिंह, हिन्दू विश्व के सह-सम्पादक श्री मुरारी शरण शुक्ल के अलावा अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।