USCIRF अमित शाह पर बैन की मांग पर भारतीय विदेश मंत्रालय का दो टूक,यह भारत का आंतरिक मामला ।

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अनीता चौधरी
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग USCIRF ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बयान जारी कर उनपर बैन लगाने की मांग की ।  USCIRF के इस मांग पर  भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि इस संस्थान का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उसको देखते हुए ये बयान चौंकाने वाला नहीं हैं।  फिर भी वह उनके इस बयान की निंदा करते हैं NRC और CAB भारत का आंतरिक मामला है ,USCIRF को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं । विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि USCIRF की ओर से जिस तरह का बयान दिया गया है, वह हैरान नहीं करता है क्योंकि उनका रिकॉर्ड ही ऐसा है। हालांकि, ये भी निंदनीय है कि संगठन ने जमीन की कम जानकारी होने के बाद भी इस तरह का बयान दिया है। ये बिल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देता है जो पहले से ही भारत में आए हुए हैं। भारत ने ये फैसला मानवाधिकार को देखते हुए लिया है। इस प्रकार के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, ना कि उसका विरोध करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल किसी तरह से भारत में रह रहे किसी भी समुदाय के भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है इसलिए संस्था ने अपने बयान में जो सुझाव दिए हैं, वह किसी भी तरह सही नहीं हैं।  हर देश को अपनी पॉलिसी के तहत कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है।
हालांकि USCIRF के इस मांग पर अमेरिकी सरकार की तरफ से कोई टिपण्णी आयी है और न ही अमेरिका ने नागरिक संशोधन बिल पर कोई बयान दिया है ।
गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है ।

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