राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमों व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने देश के शिक्षकों के लिए बड़ा बयान दिया है. कुशवाहा का कहना है कि मार्च 2019 के अंत तक अगर कोई भी शिक्षक अप्रशिक्षित रह गया तो एक शिक्षक के रूप में उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी.
हालांकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने कहा है कि देश में मौजूद सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को मार्च 2019 तक प्रशिक्षित कर दिया जाएगा लेकिन अप्रशिक्षित शिक्षक यदि प्रशिक्षण पाने में असफल होते हैं, तो शिक्षक के रूप में उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि , ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फैसला लिया है कि हमारी प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में मौजूद तमाम शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया जाए. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार ऐसे शिक्षकों को 2015 के अंत तक प्रशिक्षित किया जाना था लेकिन इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका.’
इस सन्दर्भ में मीडिया को बताया कि तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि हमारे देश में शिक्षकों का एक बड़ा तबका अप्रशिक्षित है, इस बात को ध्यान में रखा गया और सरकार ने संसद के पिछले सत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन लाकर अप्रशिक्षित शिक्षकों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के जरिये प्रशिक्षण लेने का अवसर दिया था. खास बात यह है कि उन्होंने शिक्षण पाने में असफल रहा तो उसकी सेवा समाप्त मानी जाएगी, चाहे वह निजी स्कूल में शिक्षक हो या सरकारी में. उन्होंने कहा कि देश के सभी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है. कुशवाहा के मुताबिक़ देश में शिक्षकों की लगभग 10 लाख रिक्तियां हैं जिनमें से बिहार में दो लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं. गौरतलब है कि कुशवाहा शिक्षा को लेकर पार्टी स्तर पर भी कार्य कर रहे हैं. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में उनकी पार्टी रालोसपा शिक्षा सुधार रैली करने जा रही है.