नई दिल्ली। राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल को आज पेश किया जाएगा। पिछले सप्ताह इस बिल को लोकसभा से मंजूरी दी जा चुकी है। इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई ट्रिपल तलाक का दोषी पाया जाता है तो 3 साल की सजा का प्रावधान है। देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से 2 जनवरी के लिए मुस्लिम महिला (शादी के अधिकार का संरक्षण) बिल को लिस्टेड कराया गया है।
कांग्रेस समेत विपक्षी दल बिल को सेलेक्ट कमेटी को सौंपने की मांग पर अड़ सकता है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने उम्मीद जताई कि लोक सभा की तरह ही राज्य सभा भी बिल पास कर देगी।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वह (कांग्रेस) ट्रिपल तलाक विधेयक पर अपने रुख को लेकर दिग्भ्रमित है और वह जानना चाहते हैं कि पार्टी इतनी दुखी क्यों है, जबकि मुस्लिम महिलाएं खुश हैं।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, ‘इन दिनों कई सुधार विधेयक संसद में लाए जा रहे हैं। तीन तलाक विधेयक उनमें से एक है।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस एक कदम आगे बढ़ाती है और फिर 10 कदम पीछे हट जाती है। पार्टी तीन तलाक विधेयक को लेकर दिग्भ्रमित (कन्फ्यूज्ड) है।’
क्या है ट्रिपल तलाक बिल में?
बिल में साफ कहा गया है कि मुस्लिम पीड़ित महिला को जीवन निर्वाह करने के लिए मदद की मांग के लिए मजिस्ट्रेट के पास जाने का अधिकार होगा। इसके साथ महिला को अपने नाबालिग बच्चे की कस्टडी की भी मांग करने का अधिकार होगा। अब कोई भी मुस्लिम मौखिक, लिखित, वॉट्सऐप, मेसेज या और भी किसी भी माध्यम से तीन तलाक कहकर तलाक नहीं दे सकता है। इसे अवैध माना जाएगा।