जवाहर यादव
HSSC की भर्तियों पर विपक्ष के वे लोग सवाल उठा रहे हैं जो देश की सबसे बड़ी अदालत से प्रमाणित तौर पर भर्तियों में गड़बड़ी के दोषी हैं और जेल में सज़ा काट रहें है और दूसरे भाई वे हैं जिनके राज में नौकरियों की मंडी लगती थी और हर नौकरी बिकती थी। जाति और ज़िला देख कर चयन होने वाले पहले ही नाम तय हो जाते थे और उसके हिसाब से नंबर बाद में लगाए जाते थे। और कोंग्रेसी एक दम बुद्धिमान बन जातें थे । ये विपक्षी दल हर काम को अपनी सोच से ही देखते हैं और इसीलिए अपने अनुभव से भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार चिल्लाते हैं।
यह पिछली सरकारों के समय व्याप्त भ्रष्टाचार का ही परिणाम है कि कुछ शातिर लोगों ने उम्मीदवारों के मन में पूर्वाग्रह से बनी आशंकाओं का फायदा उठाया और उनके पैसे ऐंठने की कोशिश की। उनकी यह जुर्रत सिर्फ और सिर्फ लोगों के मन के डर और भ्रष्टाचार के प्रदेश के इतिहास पर आधारित थी। इसमें ना कहीं से भी लिखित परीक्षा से छेड़छाड़ की गुंजाइश था ना ही इंटरव्यू को प्रभावित करने की। अभी तक की मीडिया रिपोर्ट अनुसार ये लोग दरअसल ठग थे जो लोगों को झूठ बोलकर पैसे ले लेते थे, और इनका खेल इस बात पर चलता था कि किसी की अपने आप मेरिट के हिसाब से सेलेक्शन हो गया तो पैसे अपनी जेब में, और ना हुआ तो पैसे लौटा देंगे और भर्ती ना होने का कोई बहाना बना लेंगे। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने जानकारी मिलते ही इन ठगों को अंदर करवाया है ना की पूर्व की सरकारों की तरह मामले को रफ़ा दफ़ा किया और कहा है कि दूध का दूध पानी का पानी करो, और जो दोषी मिले उसे सजा दिलवाओ।
दरअसल विपक्ष चाहता है कि भाजपा भी उनके जैसे नजर आए इसलिए वे बार-बार मीडिया में भ्रष्टाचार की बातें करते हैं। सच यह है कि विपक्ष लगभग हर बड़ी भर्ती को अदालत में लेके गई है और हर बार ही वहां से हमारी भर्तियां पाक साफ साबित होकर निकली हैं। किसी एक भी भर्ती में विपक्ष भ्रष्टाचार या गड़बड़ी आजतक साबित कर पाया हो तो बताएं। यह सारा खेल सिर्फ लोगों के दिमाग में बार-बार गड़बड़ी की बात डालने का है ताकि उन्हें जहन से कांग्रेस और इनेलो के भ्रष्टाचार कुछ धुंधला जाएं। लेकिन इस खेल में विपक्ष अपनी फजीहत ही करवा रहा है बार-बार।
भाजपा सरकार के आने के बाद से HSSC और HPSC में नौकरियों की भर्ती का सिस्टम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत कर दिया गया है। आवेदन पत्र लेने से लेकर लिखित परीक्षा और उसके बाद इंटरव्यू, और आखिरकार परिणाम की घोषणा तक हर स्तर पर तकनीक और निगरानी के इस्तेमाल से भर्ती प्रक्रिया को fool proof बनाया गया है। विपक्ष भी यह जानता है कि आलोचना करने को कुछ नही है पर आलोचना तो करनी है ।