तेजस्वी यादव ने सृजन घोटाले को लेकर एक बार फिर सुशील मोदी पर हमला बोला है. सुशील मोदी अपने असली भाई आर.के. मोदी को रिश्तेदार कहते हैं और उन्हें पहचानने से इनकार करते हैं लेकिन उनके भाई की कंपनी में उनके सभी संपत्तियों का मालिक है. सुशील मोदी का परिवार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में शामिल है, उनकी बहन रेखा मोदी का सृजन घोटाले में नाम आया है और वह फरार है, सुशील मोदी के कारण ही उन्हें लाभ मिला.
सुशील मोदी के भाई की कंपनी आशियाना होम्स को कई शेल कंपनियों के जरिये पैसा मिला और मनी लॉन्ड्रर ललित चचवारिया भी निदेशक में शामिल है. सुशील मोदी ने ऐसा रंगीन चश्मा चढ़ा रखा है जिसमें उन्हें अपने घर के काले कारनामे व भ्रष्टाचार नहीं दिखाई देते. वह जानबुझ कर अनजान बने हुए है.
आपको बता दें कि यह हमला तब आया जब कल सुशील मोदी ने लालू परिवार के एक और कारनामे को उजागर किया है. मोदी ने कल प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि तेजस्वी 28 साल की ही उम्र में 30 सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं. पहले मो. शमीम और अब कुमार राकेश रंजन से भी 2 बार MLC बनाने के एवज में पटना शहर की करोड़ों की जमीन तेजस्वी और तेज प्रताप के नाम वसीयत करवा लिया गया है.
उन्होंने कहा कि कुमार राकेश रंजन को लालू प्रसाद ने 1999 से 2006 तक दो बार MLC बनवाया और इसके बदले उनके 2 प्लाट का पॉवर ऑफ अटॉर्नी के राबड़ी देवी के नाम करवाया गया और फिर उसी दिन तेजस्वी और तेज प्रताप को वसीयत भी कर दिया गया. कुमार राकेश रंजन ने अकेले वसीयत नहीं किया बल्कि मो. शमीम की पत्नी सोफिया तब्बुस्म के समान राकेश की पत्नी सीमा वर्मा ने भी तेजस्वी और तेज प्रताप को वसीयत किया है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह सुखद संयोग है कि मो. शमीम और कुमार राकेश रंजन ने स्वयं और अपनी पत्नी के नाम एक ही वर्ष 1994 में एक ही परिवार डा0 रामाश्रय यादव से जमीन लिखवाया था और दोनों ने एक ही दिन स्वयं और अपनी पत्नी के 4 प्लाट के पॉवर ऑफ अटॉर्नी राबड़ी देवी को दे दिया. गौरतलब हो कि दोनों को लालू प्रसाद ने MLC बनवाया है. राबड़ी देवी अब उन चारों प्लाट को अब अपनी सम्पत्ति बता रही है और उसे अपने चुनाव आयोग में दिए गये संपत्ति ब्यौरा में भी शामिल कर रखा है. कुमार राकेश रंजन और मो. शमीम ने अपनी और उनकी पत्नी ने एक ही दिन तेजस्वी और तेज प्रताप को वसीयत कर दिया.