गुजरात सरकार नीतीश जी के जले पर नमक छिड़क रही है. ना 4 और ना ही 6, वही पाँच करोड़ का चेक बिहार के मुख्यमंत्री को दिया जाएगा जिसे अहंकारवश मुख्यमंत्री जी ने वापस लौटा दिया था. अब क्या करेंगे नीतीश जी? बिहार विधानसभा चुनाव इन्होंने बिहारी Vs बाहरी के नाम पर लड़ा था. बाहरी मतलब गुजरातीयों को कहा गया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश जी की अंतरात्मा कब, कैसे और किस ओर पलटी खायेगी?
अगर अब 5 करोड़ का चेक लिया जाता है तो तब क्यों वापस किया गया इसका विस्तृत जवाब बिहार की जनता को देना चाहिए और साथ ही साथ तत्कालीन गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री जी को भी. इसके दो ही मतलब हो सकते है नीतीश जी उस वक़्त के गुजरात के मुख्यमंत्री को बेईज्जत कर उन्हें नीचा दिखाना चाहते थे और अब वर्तमान मुख्यमंत्री का चेक रिसीव कर उन्हें उस वक़्त के मुख्यमंत्री से अच्छा साबित करना चाहते है. तब भी नीतीश जी भाजपा के साथ थे और आज भी भाजपा के साथ है. उस वक़्त क्या परेशानी और मजबूरी थी जो चेक नहीं लिया था और आज क्या परेशानी और मजबूरी है जो चेक लेना पड़ रहा है? नीतीश जी को इन सवालों का जवाब देना होगा?