बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि शुरुआत में हमारी प्राथमिकता बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना था. जिसमें हमलोग बहुत हद तक कामयाब हो गये है. उन्होंने कहा कि अब हमारी पहली प्राथमिकता शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है. सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही और बहुत कम बच्चे अब स्कूल जाने से महरूम है. उन्हें भी जल्द स्कूल में पहुंचाया जायेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शुरुआती दिनों में हमारी प्राथमिकता यह रही थी कि सभी बच्चे स्कूल पहुंचे. इसके लिए नये विद्यालय खोले गये. नये स्कूल भवनों का निर्माण कराया गया. पहले से स्थापित स्कूलों में नये क्लास रूम बनाये गये. साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. इसके बाद अब हमारे लिए बेहतर शिक्षा प्रदान करना बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि बच्चों का स्कूल जाना अपने आप में एक शिक्षा है. स्कूल जाने से उनको शिक्षा के बारे में समझ विकसित हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गांव-गांव में अब लड़कियों को स्कूल जाते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में भी विद्यालयों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुधार किया जा सकें.
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक सिर्फ स्कूल में पढ़ाएं नहीं, बल्कि एक ऐसी मिशाल पेश करें जिससे छात्र जीवन भर उन्हें याद रखें. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए नये विवि की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है. इनमें नये-नये पाठ्यक्रमों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है. जिससे छात्र अपने जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.