आखिर मुख्यमंत्री ठाकरे के बेटे पर क्यों उठी रही है उंगली?
क्यों नहीं लग रही दिशा सालियान की मौत सधारण ।
आखिर सीबीआइ ,बिहार पुलिस की जांच से क्यो डर रही है महाराष्ट्र सरकार ?
इन सवालों के जवाब से ही खुलेगा सुशांत की मौत का राज!
दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला हॉलीवुड की किसी मर्डर मिस्ट्री फ़िल्म से कम नहीं लग रहा । हमारे सामने हर दिन एक नया दृश्य सामने आ रहा है , महाराष्ट्र पुलिस तहक़ीक़ात तो कर रही है मगर आरोपी कहीं नजर नहीं आ रहा है । रोज-रोज के नए खुलासे से बस दुनिया भौचक्क सी रह जाए रही है। सारी बहस अब इस मुद्दे पर आकर अटक गई है कि यह मामला है क्या? इस रहस्यमयी प्रकरण में बात फिर वहीं हत्या और आत्महत्या के बीच में आकर सुई रुक जा रही है।सबके दिलों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। मामला अभी भी प्री-क्लाईमेक्स तक नहीं पहुँच पाया है। सबके ज़हन में एक ही सवाल है कि यह हत्या है या आत्महत्या!?मगर अब तक जो भी कहानी सामने आई उससे एक बात साफ हो गयी है कि मौत साधारण नहीं है और अगर ये आत्महत्या है भी तो उकसावे और किसी न किसी षड्यंत्र का शिकार जरूर है ।
आखिर क्यों लग रहा है सुशांत की मौत आत्महत्या?
आत्महत्या के पक्ष में एक दलील यह है कि वंशवाद और गुटबाज़ी के चलते कुछ कुछ फ़िल्मी हस्तियों और घरानों ने सुशांत से मौत से कुछ पहले ही छह फ़िल्में छीन लीं, जिसके कारण वह गहरे तनाव में थे।
दूसरी दलील यह है कि उनकी ज़िंदगी में आई रिया चक्रवर्ती ने ज़हर घोल दिया था। उनकी ब्लैकमेलिंग से घबरा कर सुशांत ने यह क़दम उठाया है।
तीसरी दलील यह है कि अपनी सेलेब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान की आत्महत्या से वह बुरी तरह आहत थे। दिशा की आत्महत्या में फँसाने की रिया की धमकी के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली।
चौथी दलील यह है कि सुशांत केरल जाकर जैविक खेती करना चाहता था। रिया इस पक्ष में नहीं थी। सुशांत ऐसा न करे इसलिये उसने उनकी मानसिक स्थिति ख़राब होने और इलाज के दस्तावेज़ मीडिया में लीक करने की धमकियाँ दीं, जिससे परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या जैसा कठोर क़दम उठाया।
सारे साक्ष्य क्यों नही एक दूसरे के साथ जुड़े नज़र आ रहे हैं और आखिर क्यों लग रहा है हत्या?
हत्या के सिलसिले में कई कोण सामने आ रहे हैं।पहला कोण यह है कि सुशांत की नई गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार ने मिल कर इस युवा अभिनेता के तीन बैंक खातों से 15 करोड़ रुपए का गबन कर लिया। जब उनकी जानकारी सुशांत को मिली तो उसे मार दिया गया।
दूसरा कोण यह है कि सुशांत को संभवतः दिशा सालियान की आत्महत्या के संबंध में कोई अंदरूनी जानकारी होगी, जिसे छुपाने के लिए उनकी हत्या किसी ने करवा दी। क्योंकि दूसरा कोण यह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने की बात सामने आ रही है । खबर ये भी है कि वहाँ देर रात ज़बरदस्त झगड़ा हुआ और उसके बाद ये हादसा हुआ ।
आइए जानते हैं जांच-पड़ताल में महाराष्ट्र पुलिस से कहाँ -कहाँ राह गयी कमी और क्यों ये जांच अब सीबीआई को जानी चाहिए ।
कपड़े की जाँच
सबसे बड़ा रहस्य तो ये है कि आखिर पोस्टमार्टम उनके घर से 8 किलोमीटर दूर के हॉस्पिटल में क्यो करवाया गया जबकि रास्ते में और भी कई हॉस्पिटल थे । सुशांत की रहस्यमय मौत के मामले में यह भी बात सामने आई है कि जिस कपड़े से उनका शरीर छत से कथित रूप से लटका मिला यानी जिससे उन्होंने फाँसी लगाई, उसका स्ट्रैंथ टेस्ट नहीं करवाया गया जो कि होना चाहिए था । सुशांत का वज़न तकरीबन 80 किलो था। जिस कपड़े से उन्होंने कथित फाँसी लगाई, क्या वो कपड़ा उनका वज़न उठाने में सक्षम था ? अभी तक इस टेस्ट की रिपोर्ट आई नहीं है।
विसरा जाँच
सुशांत का विसरा भी जाँच के लिए कलीना स्थित फॉरेंसिक लैब पुलिस ने भेजा, जिसकी रिपोर्ट में पता चला कि अभिनेता को ज़हर नहीं खिलाया गया था लेकिन ये बात उस रिपोर्ट में नही है कि जो दवाइयां वो खा रहे थे ,उनके बॉडी में उन दवाइयों का क्या रिएक्शन था क्योंकि जब वो फांसी लगाए होंगे तो जाहिर सी बात है पूरे बॉडी का स्टिमुलेशन हुआ होगा ,हार्मोनल एंड बायोलॉजिकल रिएक्शन हुए होंगे ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फाँसी लगने की वजह साँस घुटने से मौत होना दर्ज है। इससे यह साबित नहीं होता है कि यह आत्महत्या है या हत्या। यह रिपोर्ट महज मौत का कारण बता रही है।
हत्या क्यों-कैसे-क्या?
सुशांत की मौत में हत्या होने को लेकर कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं, किसी फ़ोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सुशांत सिंह कांड को हत्या ही बताने की कोशिश की है। उनकी सूची और पुलिस जाँच के जो नतीजे सामने आए हैं, उनका विश्लेषण कुछ इस प्रकार है:
- सुशांत सिंह की मौत का पता तब लगता है, जब लगभग 11.30 बजे उनका खानसामा कमरा खुलवाने जाता है। खानसामा उनके सबसे क़रीबी दोस्त सिद्धार्थ मथानी को बताता है। वह तुरंत सुशांत का कमरा खुलवाने जाते हैं। वह कमरा खुलवाने में नाकामयाब रहते हैं तो तुरंत दरवाज़ा नहीं तोड़ते हैं। वह एक तालासाज को बुलाते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि बयान की मुताबिक 10 मिनट में ताला खोलने वाला आ जाता है । सवाल ये की मुम्बई में इस कोरोना महामारी में , lockdown के समय जब सारी चीज़ें बैंड हैं तो 10 मिनट के अन्दर बांद्रा जैसे पॉश इलाके में 10 मिनट के अंदर ताला खोलने वाला कैसे मिल गया ? यहीं नहीं वह सिद्धार्थ पहले सुशांत की मुंबई में रहने वाली बहन मीतू किर्ती को सूचित करते हैं। वह तब तक दरवाज़ा नहीं खोलते हैं, जब तक कि मीतू किर्ती घर नहीं पहुँच जाती हैं। इस पूरी कसरत में लगभग डेढ़ घंटे से 2 गांठे का वक़्त ख़राब हो चुका है। ऐसा क्यों?
- सुशांत फाँसी लगा कर आत्महत्या करते हैं। यह ख़बर चारों तरफ़ फैलती है। यह नहीं पता चलता है कि उनके कमरे से कोई सुसाईड नोट मिला है या नहीं। मुंबई पुलिस कहती है कि कोई सुसाईड नोट नहीं मिला है। यह ख़बर आती है कि वह तीन दिन पहले ही तमाम घरेलू कर्मचारियों को वेतन देकर यह कह चुके थे कि अब वह आगे से वेतन देने की स्थिति में नहीं होंगे। ऐसा ठंडे दिमाग से आत्महत्या की योजना बनाने वाला व्यक्ति आत्महत्या के पहले अपने परिवार खास कर बहनों के नाम जिनसे उनका खासा लगाव था कोई ख़त नहीं लिखता है, यैसा कैसे संभव है?
- सुशांत के शव की तसवीरों में यह साफ़ दिखता है कि उनके गले पर जिस तरह के निशान हैं, वे फाँसी लगने के नहीं हो सकते। यदि कोई फाँसी पर लटकता है तो निशान अमूमन ठोड़ी से कानों की तरफ़ ऊपर तिरछे जाते हुए दिखते हैं। मगर जो निशान दिख रहे है वो आत्महत्या की तरफ बिलकुल इशारा नहीं कर रहा। तो क्या यह सोची-समझी साज़िश के तहत हत्या है?
- तसवीरों में जो निशान दिख रहे हैं, उनसे यह साफ़ पता चलता है कि उनके गले पर आगे की तरफ़ ही सबसे अधिक दबाव पड़ा है। आत्महत्या के लिए फाँसी लगाने पर तो फंदा चारों तरफ़ से गले पर दबाव डालता है और निशान चारों तरफ़ दिखाई देते हैं। यदि कोई हत्या करता है तो वह गले के अगले हिस्से पर ही सबसे अधिक दबाव डालता है, जैसा कि सुशांत की मौत के बाद की तसवीरों में दिखाई दे रहा है।
- सुशांत की तसवीरों में आँखें बाहर की तरफ़ निकली हुई नहीं दिख रही हैं। अमूमन आत्महत्या करने पर शरीर फाँसी के फंदे पर अचानक नीचे झूलता है। शरीर का वजन जैसे ही गले पर पड़ता है, आँखें बाहर की तरफ़ उबल पड़ती हैं। सुशांत की तसवीरों में यह नहीं दिख रहा है। हत्या में इस तरह का दबाव गले पर न पड़ने से आँखें अमूमन बाहर नहीं निकलती हैं। सुशांत का वजन 80 किलो था, जिसके चलते उनके गले पर भारी दबाव तुरंत पड़ा होगा। ऐसे में उनकी आँखें बाहर न निकलना अपने आप में रहस्य पैदा कर रहा है।
- सुशांत की तसवीरों में होठों से बह कर बाहर आया और चेहरे पर फैला झाग नहीं दिख रहा है। आत्महत्या के दौरान इतनी तेज़ी से गले पर दबाव पड़ता है कि उससे झाग सा चेहरे पर आ जाता है।
- जिस कपड़े से आत्महत्या करना बताया जा रहा है, वह ऊपर लटका हुआ दिखता है। क्या इतनी कम ऊँचाई से आत्महत्या की जा सकती है?
- सुशांत के कमरे में कोई स्टूल या ऐसा फर्नीचर नहीं दिख रहा है, जिसे नीचे लगा कर छत के कुंडे में उन्होंने कपड़े का फँदा बनाया होगा। तो ऐसी क्या चीज उन्होंने इस्तेमाल की होगी, जिससे कि वह आत्महत्या कर पाते? ऐसा कुछ नहीं दिखता है?
- सुशांत 14 जून की सुबह वीडियो गेम खेल रहे थे। क्या यह संभव है कि जो व्यक्ति आत्महत्या करना चाहता है, वह आराम से कमरे में बैठ कर वीडियो गेम खेलेगा?
- सुशांत ने 14 जून की सुबह खानसामे से माँग कर ठंडा पानी और फलों का रस पीया था। क्या यह संभव है कि जो इंसान आत्महत्या करने की स्थिति में हो, वह ठंडा पानी माँगेगा, फलों का रस पिएगा?
- सुशांत जिस इमारत में रहते हैं, उसमें सीसीटीवी कैमरे ठीक उस मंज़िल पर बंद क्यों थे, जिस पर उनका फ्लैट था? क्या यह कोई साज़िश थी?
- सुशांत के कमरे के ताले की कोई और चाबी क्यों नहीं है? यह चाबी थी तो कहाँ? क्या उनके साथ रहने वालों को भी नहीं पता था कि सुशांत के कमरे की अतिरिक्त चाबियाँ कहाँ रहती हैं?
- सुशांत का शरीर हवा में लटका देख कर किसी ने भी यह कोशिश नहीं की कि अस्पताल में फ़ोन करते, एंबुलेंस या डॉक्टर को बुलाते। उन्होंने ऐसा क्यों किया?
- सुशांत के परिवार को यह क्यों पता नहीं था कि वे मानसिक रूप से बीमार हैं? उनका इलाज चल रहा है, यह जानकारी उन्हें किसी ने क्यों नहीं दी? क्या इस इलाज के नाम पर उन्हें कमज़ोर किया जा रहा था या तेज़ दवाएँ देकर हत्या का इरादा था?
- सुशांत के सेल फ़ोन में 50 सिम कार्ड बहुत छोटे से वक़्त में बदले गए थे। क्यों? यह किसने और क्यों किया? इसका असल मक़सद क्या था?
- सुशांत ने अपने आख़िरी फ़ोन कॉल में यह उल्लेख किया कि वह अगले साल शादी करने जा रहे हैं। वह भी अपनी तथाकथित दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या के ठीक एक दिन पहले। क्या कोई बुरी तरह से डिप्रेशन का शिकार और आत्महत्या की कगार पर खड़ा व्यक्ति ऐसी बातें करेगा?
- दिशा सालियान की आत्महत्या को भी सुशांत हत्याकांड से जोड़ कर देखा जा रहा है। यह माना जा सकता है कि दिशा की मौत का कोई गहरा रहस्य सुशांत की जानकारी में होगा, जो जगजाहिर न हो सके, इसके लिये सुशांत को भी खामोशी से खामोश कर दिया गया।
- सुशांत की मौत पर एक या दो लोगों को छोड़, फ़िल्मोद्योग के तमाम बड़े नाम खामोश हैं। किसी ने भी उनके पक्ष में बयान नहीं दिया है। तो क्या फ़िल्मी हस्तियाँ भी हिंदी फ़िल्मोद्योग में कुछ ताक़तवर गुटों और गिरोहों से डरती हैं? अगर यैसा है तो क्यों?
- सुशांत की शख्सियत में कुछ अनहोनी या ख़ास तब्दीली किसी ने भी नहीं देखी। वह हमेशा की तरह ही ज़िंदादिल और खुशमिजाज़ दिख रहे थे। आरोप है कि वह बस परेशान थे तो रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार की हरकतों से। वे करोड़ों की कारों के मालिक थे। उन्होंने चाँद पर ज़मीन का एक टुकड़ा भी ख़रीदा था। साढ़े छह लाख क़ीमत का टेलीस्कोप था। उनका शानदार कुत्ता उनके जीवन का महत्वपूर्ण अंग था। दोस्तों और परिवार से बेहद क़रीब से जुड़े थे। उनके अंदर छोटे शहर का मध्यमवर्गीय इंसान सफलता हासिल करने के बाद भी मरा नहीं था। वे यह कहते थे कि अगर उन्हें फ़िल्में मिलना बंद हो गईं तो शॉर्ट फ़िल्में बनाएँगे, केरल जाकर जैविक खेती करेंगे। उन्होंने अगले पाँच साल की योजना अपनी डायरी में लिख रखी थी। ऐसा व्यक्ति आत्महत्या क्यों करेगा?
- सुशांत के बैंक खातों में 17 करोड़ रुपए की मोटी रक़म थी। उन्होंने और भी निवेश कर रखे थे। उन्हें किसी तरह की कमी नहीं थी। ऐसा व्यक्ति आत्महत्या क्यों करेगा?
- सुशांत और रिया तीन या चार कमरों का बड़ा सा फ्लैट तलाश रहे थे। वे यह फ्लैट खरीद कर वहाँ बसना चाहते थे। यह योजना सन 2021 के लिए थी तो अचानक 14 जून 2020 को उनके आत्महत्या की क्या वजह हो सकती है ?
- सुशांत के बॉडीगार्ड का कहना है कि उन्हें बिना कारण रिया चक्रवर्ती ने नौकरी से निकाल दिया था। सुशांत को कोई मानसिक रोग नहीं था। जब वे मानसिक तौर पर रोगी नहीं थे तो आखिर महाराष्ट्र पुलिस बार बार आत्महत्या का कारण डिप्रेशन क्यों दिखाने की कोशिश क्यो कर रही है ?
23 .सुशांत के पिता ने फरवरी 2020 में ही मुम्बई पुलिस को रिया की शिकायत की थी । मगर तब से लेकर अब तक आखिर मुम्बई पुलिस ने अभी तक रिया चक्रवर्ती पर कोई करवाई क्यों नही की ? कहाँ -कहाँ जुड़े है रिया के तार ।
- कई सबूत , के जाने-माने लोगों का बयान आ चुका है कि सुशांत को बॉलीवुड में अलग -थलग रखा जा रहा था । कुछ लॉबी सुशांत के करियर को खत्म करने के लिए बड़ी-बड़ी साजिश कर रही थी टी आखिर क्या वजह है कि मुम्बई पुलिस जॉच-पड़ताल में इतना लचर रवैया अपना रही है । किसके दबाव में काम कर रही है मुम्बई पुलिस।
- सबसे बड़ा सवाल आखिर अब तक सुशांत सिंह राजपूत केस में अब तक कोई एफआईआर दर्ज क्यो नहीं कि गयी है ?
इस केस में सवालों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा रहा है । एफआईआर भले पटना में दर्ज कर लिया गया है और तहक़ीक़ात के लिए बिहार पुलिस मुम्बई भी पहुँच गयी है मगर मुम्बई पुलिस का बिहार पुलिस के साथ व्यवहार अपराधियों जैसा है । पुलिस ही नही प्रशासन भी बिहार पुलिस के तहक़ीक़ात में रोड़े अटका रही है । इस केस की अगुवाई करने गए अफसर को बीएमसी ने फिलहाल क़ोरेंटीन कर दिया है । बाकी अफसर किसी अपराधी को तरह मुम्बई पुलिस की डर से छिपे हुए हैं । मामला पेचीदा है । इंसाफ मांगने वाला बाप बूढ़ा, बुहार सरकार ने सीबीआई इन्वेस्टिगेशन की सिफारिश कर दी है । देखना ये होगा कि सुशांत के वकील विकास सिंह की दलीलें बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कितनी कामयाब होती है । सुशांत की हत्या हो या आत्महत्या, ये बात भी तय है कि पेंच बहुत ज्यादा है और कारणों का जड़ बहुत गहरा । काफी हाई-प्रोफाइल नाम इसके साथ जुड़ते जा रहे हैं इसलिए यह मामला भी जल्द शांत होने वाला नहीं है और साजिश के इस माहौल में दबाव में काम कर रही मुम्बई पुलिस के लिए सुशांत मौत में इंसाफ की राह बेहद मुश्किल नज़र आ रही है ।
फ़िल्म जगत में कई हस्तियों की हत्याएँ या आत्महत्याएँ आज भी लोगों को भुलाए नहीं भूलतीं। सुशांत सिंह का मामला भी इस सूची में जुड़ गया है।