सुशांत तुम्हारे मरने का दुख है। जैसे तुम गए वैसे नहीं जाना चाहिए था। जब से तुम्हारे जाने की ख़बर सुनी थी मन थोड़ा विचलित था। समझ नहीं पा रहा था कि क्या ऐसी वजह होगी कि तुम आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए। मैं आत्महत्या को कायरता मानता हूं। खासतौर पर जब कोई प्रतिभाशाली युवा ऐसा करता है। मैंने तय कर लिया था कि मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं लिखूंगा। ऐसा नहीं कि मैं तुम्हें पसंद नहीं करता। हां ये सच है मैंने तुम्हारी सिर्फ एक ही फिल्म देखी थी। एम.एस धोनी वाली, वो भी देखने की वजह तुम नहीं थे। उसे मैंने धोनी के लिए देखा था। क्योंकि मैं धोनी को व्यक्तिगत रूप से जानता था इसलिए तुम्हें पर्दे पर देख कर मैं तुम्हारी प्रतिभा का कायल हो गया। जैसा तुमने धोनी को पर्दे पर जिया वह कमाल था। खैर बात ये थी कि तुम्हारी मौत पर मैंने कुछ नहीं लिखने का तय किया था तो अब मैं क्यों लिख रहा हूं। मैं ये लिख रहा हूं अपने दोस्त के बेटे के लिए। मुझे पता है कि तुम ये नहीं पढ़ पाओगे ना ही तुम कभी ये समझ पाओगे कि तुमने आत्महत्या करके क्या संदेश दिया है अपने चाहने वालों को।
आज मैं अपने दोस्त कमल के साथ बैठा था। हम कुछ काम कर रहे साथ ही बातें भी कर रहे थे। अचानक उसने कहा कि सुशांत सिंह की मौत ने उसे हिला कर रख दिया है। मैंने उसको कहा परेशान होने की क्या बता है, मुझे लगा कि शायद वो सुशांत का फैन होगा इसलिए परेशान हो गया होगा। मेरे इतना कहते ही वो बोला भाई मैं अपने लिए परेशान नहीं हूं। मेरा बेटा मेहुल सुशांत का जबरदस्त फैन है। जब से उसने उसके सुसाइड करने की ख़बर सुनी है वह बार बार मुझसे पूछ रहा है कि सुशांत ने ऐसा क्यूं किया? क्यों उसने आत्महत्या की? उसने रात भर जाग कर सुशांत का स्केच बनाया है। मैंने उसको कहा मुझे वह स्केच भेजे जो उसके बेटे ने बनाया है। उसने अपने बेटे मेहुल के द्वारा बनाया स्केच मुझे भेजा। मैं उस स्केच की वजह से ये लिखने के लिए मजबूर हुआ।
सुशांत तुम तो अब इसको पढ़ोगे नहीं, लेकिन कोई ओर सुशांत अगर ये कदम उठाने का सोच रहा है अगर वो इसको पढ़े तो समझे इस बात को ना जाने कितने मेहुल तुम्हारे इस कदम से परेशान हो रहे होंगे। मैं ये नहीं कहता कि सुशांत तुमने ये कदम खुश होकर उठाया होगा। लेकिन सुशांत तुमने अपनी ताकत को इतना कम करके क्यों आंका? क्या तुम्हें इस बात का अहसास नहीं था कि तुम्हें चाहने वालों पर क्या बीतेगी? कितने लोग तुम्हारे इस कृत्य से प्रभावित होंगे, जिनके लिए तुम आदर्श होगे जब वो तुम्हारी आत्महत्या के बारे में सुनेंगे तो वो कैसा महसूस करेंगे? मैं एक मेहुल को जानता हूं। लेकिन ऐसे लाखों मेहुल होंगे जिन्होंने अपने माता पिता से ये सवाल पूछा होगा कि सुशांत ने आत्महत्या क्यों की? अब अगर ये वजह पता भी चल जाये तो क्या फायदा तुम तो वापिस आने से रहे। तुम पर जो बीती होगी वह तुम ही जानते होगे लेकिन तुम्हारे प्रशंसकों पर जो बीत रही है वह हम जानते हैं। मेरी विनम्र विनती है उन लोगों से जो अपनी समस्याओं का समाधान आत्महत्या को समझते हैं। कृपया ऐसा ना करें। क्योंकि दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान ना हो। हां ये अवश्य हो सकता है कि वह समाधान शायद आपके पास ना हो। लेकिन अगर आप अपने निकट मित्रों में, संबंधियों में, परिवार में खुल कर बात करेंगे तो हो सकता है वह समाधान वहां से मिल जाये। निवेदन है, ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले अपने परिवार को याद करो, अपने दोस्तों को याद करो। उन लोगों को याद करो जिनकी वजह से तुम सफलता के शिखर पर पहुंचे हो। उस मेहुल को याद रखो जिसके लिए तुम एक आदर्श हो। मैं बस ये सिर्फ इसलिए लिख रहा हूं कि कोई ओर मेहुल अपने पिता से ये ना पूछे… पापा सुशांत ने आत्महत्या क्यों की? इस सवाल का जवाब तुम्हारे सिवा कोई भी नहीं दे सकता… सब करते पर ऐसा सवाल जिसका जवाब किसी के पास ना हो उसे छोड़कर नहीं जाते। जहां भी रहो खुश रहो, लेकिन वहां भी किसी से हारना नहीं। हार जाओ तो भागना नहीं। तुम्हें बहुत लोग चाहते हैं, उनका भी ध्यान रखना। विदा…अलविदा।