आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई शुरू होगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की संवैधानिक बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस पूरे मामले में सबसे अहम सवाल ये है कि क्या आधार की वजह से किसी की निजता का उल्लंघन होता है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट यह रूलिंग पहले ही दे चुका है कि निजता एक मौलिक अधिकार है। बीते 15 दिसंबर को मामले की सुनवाई के बाद सरकार ने बैंक खातों और मोबाइल नंबर सहित सभी सेवाओं और योजनाओं के साथ आधार को जोड़ने के लिए समय सीमा 31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी थी। आधार के खिलाफ जो याचिकाएं दायर की गई हैं उनमें निजता के उल्लंघन और डाटा प्रोटेक्शन को लेकर सवाल उठाए गए हैं।