पटना : अब जिले के स्कूली बसों को सीसीटीवी व जीपीएस के बिना फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं दिया जायेगा. जिला परिवहन कार्यालय ने स्कूली बसों में इन दोनों का होना अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार स्कूली बसों को सुरक्षा के सभी मापदंडों पर खरा उतरना होगा, इसके बाद ही फिटनेस प्रमाण पत्र मिलेगा. बिना इसके स्कूली बस सड़कों पर नहीं दौड़ पायेगी. स्कूली बसों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय ने यह कदम उठाये हैं. मोटर वाहन निरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्कूलों को सुरक्षा के सभी उपकरण लगाने होंगे.
हर साल लेना होता है फिटनेस : स्कूली बसों को हर साल फिटनेस लेना होता है. फिटनेस के बाद बसों को सड़कों पर चलने की इजाजत मिलती है. सिर्फ नयी बसों को पहले दो साल फिटनेस की जरूरत नहीं पड़ती.अब बिना सुरक्षा उपकरण के प्रमाणपत्र जारी नहीं अब बिना जीपीएस, सीसीटीवी व अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरण के फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं होंगे. केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अनिवार्य कर दिया गया है.
फिटनेस के लिए ये जरूरी:
1. फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो
2. बस में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था हो
3. वाहन के आगे और पीछे ‘स्कूल बस’ लिखा हो
4. भाड़े वाली बसों पर ‘स्कूल ड्यूटी’ लिखी हो
5. बस के पीछे स्कूल का नाम व दूरभाष अंकित होे
6. स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए
7. ये कागजात जरूरी
8. इंश्योरेंस पेपर
9. कॉमर्शियल टैक्स टोकन
10. प्रदूषण प्रमाण पत्र
11. रिटेल इन व्यॉस
12. रजिस्ट्रेशन कार्ड
ये हैं फिटनेस शुल्क:
एलएमवी 400 रुपये, एमएमवी 600 रुपये, एचएमवी 800 रुपये