नयी दिल्ली/पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. याचिका में नीतीश कुमार को उनके पद से हटाने की मांग की गयी है. इस वर्ष 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एमएलसी की सदस्यता को रद्द करने को लेकर यह याचिका दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ आपराधिक मामला कोर्ट में चल रहा है और इस कारण वे किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो सकते हैं.
याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपने याचिका में कहा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ पटना जिले के बाढ़ इलाके में 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या करने का पटना हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है. ऐसे हालात में, नीतीश जो कि विधान परिषद के सदस्य हैं, उनकी सदस्यता को रद्द करने की मांग की गयी है. मनोहर लाल शर्मा के मुताबिक नीतीश कुमार के खिलाफ उन्होंने यह याचिका राजद के कहने पर नहीं बल्कि निजी तौर पर दायर की है.
इससे पहले हत्या के इसी मामले को आधार बनाकर बीते दिनों लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की थी. राजद की तरफ से मांग की गयी थी कि 1991 में सीता राम सिंह, जिनकी हत्या हुई, उनके परिवार को आज भी न्याय की आस है. ऐसे में नीतीश कुमार के खिलाफ चल रहे केस में तेजी आनी चाहिए और स्पीडी ट्रायल भी कराया जाना चाहिए. साथ ही राजद ने आरोप लगाते हुए कहा था कि तेजस्वी यादव के खिलाफ सिर्फ बेनामी संपत्ति अर्जित करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और इसी को आधार मानकर नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा मांगा था. वहीं नीतीश के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है और ऐसे मैं उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.