इच्छा के बावजूद उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिए बिहार सरकार ने ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ के एक शानदार योजना शुरू की है। ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ के जरिए बिहार के विद्यार्थी अब देश में कहीं भी जा कर पढ़ सकते हैं। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश के किसी भी कॉलेज में पढ़ रहे राज्य के छात्र अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का फायदा उठा सकते हैं। बता दें कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम एजुकेशन लोन देता है।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम द्वारा शिक्षा ऋण के ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए पटना में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए कई तरह के सामाजिक बदलाव भी मुमकिन होंगे। इससे राज्य में उच्च शिक्षा दर बढ़ेगी। अभी कई वजहों से राज्य में ऊंची तालीम लेने वालों की तादाद महज 13 फीसदी है। उम्मीद करते हैं कि क्रेडिट कार्ड से यह 30 फीसदी तक पहुंचेगी।’ बता दें कि देश भर में ऊंची तालीम पाने वाले विद्यर्थियों का औसत 24 फीसदी है।
राज्य के लिए तय किए गए अपने सात निश्चयों में से एक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘इस क्रेडिट कार्ड का लाभ झारखंड, बंगाल, यूपी से सटे हुए जिलों से मैट्रिक पास करने वाले बिहारी छात्र भी उठा सकेंगे।’ उन्होंने बताया, ‘शिक्षा वित्त निगम के जरिए जब से इस कार्ड का वितरण शुरू हुआ है, ऊच्च शिक्षा के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ी है। सिर्फ तकनीकी नहीं, दूसरे सामान्य कोर्सेज के लिए भी कार्ड के जरिए लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।’
नीतीश ने कहा कि मैट्रिक के बाद स्कॉलरशिप पाने वाले छात्र भी अलग से क्रेडिट कार्ड का लाभ उठा सकते हैं। राज्य में युवाओं को क्रेडिट कार्ड के साथ स्वयं सहायता भत्ता योजना और कुशल युवा कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है। बता दें कि बिहार सरकार ने इस योजना को साल 2016 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन यानी 2 अक्टूबर को लॉन्च किया था। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने राज्य शिक्षा वित्त निगम की स्थापना की थी।