शनि ग्रह 17 जनवरी 2023 को रात्रि 8:00 कर 02 मिनट मिनट पर मकर राशि से अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करने वाला है। शनि कुंभ राशि में शनि 29 मार्च 2025 तक रहेगा।
भारतीय ज्योतिष में शनि ग्रह न्याय, आकस्मिक विपत्ति, चल -अचल संपत्ति, आयु तथा विनाश के कारणों का प्रतिनिधि माना जाता है।
शनि ग्रह बड़ी पूंजी वाले कार्य, उद्योग,अनुसंधान, कृषि, निर्माण कार्य, यातायात, सेना – पुलिस, न्यायालय, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, सरकारी नौकरी तथा मार्केट की स्थिरता इत्यादि का कारक माना जाता है। ऐसे में शनि का राशि परिवर्तन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है।
शनि का राशि परिवर्तन सभी राशियों से संबंधित लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालेगा। आइए जानते हैं कि आपकी राशि के लिए शनि का कुंभ राशि में गोचर का परिणाम कैसा रहेगा ?
मेष राशि- सभी मामलों में लाभकारी परिवर्तन,आमदनी के नए स्रोत बनेंगे, परिवार में मांगलिक होंगे, कार्यक्षेत्र, विवाद तथा प्रतियोगिता संबंधी मामलों में बड़ी सफलता, पद -प्रतिष्ठा तथा मान सम्मान में वृद्धि होगी, बारी – बारी से सभी रुके कार्य बनेंगे, मनोवांछित सफलता की प्राप्ति का दौर, थोड़ा अतिरिक्त प्रयास से अधिकांश मामलों में वांछित सफलता का दौर, घर में एक से अधिक मांगलिक कार्य होंगे।
वृष राशि- संघर्ष के साथ सफलता, महत्वपूर्ण कार्यों में थोड़ा अतिरिक्त प्रयास से बड़ी सफलता, कुछ अच्छे संबंधों में तनाव, चल अचल संपत्ति की खरीद- बिक्री, नए संबंध-संपर्क बनेंगे स्वयं तथा परिवार के सदस्य की रहने या काम करने की जगह में परिवर्तन, कुछ नए कार्य में पूंजी निवेश, कार्य क्षेत्र में तरक्की, मान सम्मान में वृद्धि का दौर, नए हर की यात्रा, कुछ नई जानकारी, पढ़ाई संभव, स्वयं तथा परिवार के सदस्य की स्वास्थ्य समस्या पर खर्च की अधिकता रहेगी, आपसी तालमेल की कमी, मध्य मार्ग अपनाना हितकर रहेगी।
मिथुन राशि- जनवरी 2020 से चल रही शनि की ढैया का अंत होगा, लाभकारी परिवर्तन, धार्मिक पर्यटन स्थल की यात्रा, रुके काम बनेंगे, कुछ विवादित मामलों में तथा ऋण के लेनदेन संबंधी मामलों में निपटारा होगा, परिवार में मांगलिक कार्य होंगे, संबंध में अस्थिरता तथा स्वास्थ्य समस्या का निराकरण होगा।
कर्क राशि- शनि की ढैया प्रारंभ होगी, स्वास्थ्य, संबंध, कार्यक्षेत्र में बाधा, कुछ गलत निर्णय से आर्थिक क्षति, अवांछित घटनाक्रम, ज्यादातर मामलों में अवरोध की स्थिति, थोड़ा अतिरिक्त प्रयास तथा अग्रिम तैयारी प्रत्येक काम में अपेक्षित रहेगी, निवास कार्यस्थल में परिवर्तन, परिवार के सदस्यों का विकेंद्रीकरण का दौर, शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ एवं आरती तथा अपंग, निर्धन, नेत्रहीन, जरूरतमंद को कुछ खाने की सामग्री दान करें।
सिंह राशि- आपके कार्यक्षेत्र व्यापार-व्यवसाय में तरक्की, चल अचल संपत्ति की खरीद बिक्री, छोटी लंबी यात्राएं, स्वयं घर के सदस्य की निवास या कार्यस्थल में परिवर्तन, आर्थिक तरक्की किंतु पारिवारिक मामलों में थोड़ी अशांति रहेगी नए संपर्क बनेंगे विवाह के लिए प्रतीक्षारत जोड़ो की विवाह योग बनेंगे, मतभेद. विवाद तथा रिस्क कार्य से थोड़ा परहेज करना होगा।
कन्या राशि- आपके लिए सबसे बेहतर स्थिति बनेगी, अधिकांश रुके कार्य बनेंगे, पुरानी समस्या, विवाद, लेनदारी-देनदारी का निपटारा होगा, विवादित कार्यों में सफलता, परिवार में एक से अधिक मांगलिक कार्य होंगे, कार्यक्षेत्र व्यापार-व्यवसाय में विस्तार एवं तरक्की के कई अवसर बनेंगे, आप अपनी इच्छानुसार कुछ कार्य में रिस्क ले सकते हैं, पुनः अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा मनवाने का दौर प्रारम्भ।
तुला राशि- जनवरी 2020 से चल रही शनि की ढैया का अंत होगा, शुभ-अशुभ दोनों तरह के परिणाम का दौर, छोटी-लंबी यात्राएं, स्वयं परिवार के सदस्य की निवास, कार्यस्थल या पढ़ाई स्थल में परिवर्तन, पूर्वानुमान संबंधी मामलों में आधी अधूरी सफलता, कार्य क्षेत्र में विस्तार कार्य में व्यस्तता बढ़ेगी किंतु उसके अनुपात में आमदनी कम बढ़ेगी कुछ पुराने मित्र एवं संबंधी से दूरी बढ़ेगी किंतु कुछ नए संबंध संपर्क भी बनेंगे, थोड़ा संयम से कार्य करना हितकर रहेगी।
वृश्चिक राशि- आपकी शनि की ढैया प्रारंभ होगी, स्वयं तथा घर के सदस्यों के स्वास्थ्य बाधा , घरेलू सुख सामग्री की मरम्मत तथा कुछ नई खरीदारी पर खर्च की अधिकता रहेगी, कुछ अवांछित घटनाक्रम तथा कुछ अनचाहे परिवर्तन का दौर, व्यर्थ विवाद मतभेद कुछ मौके पर कोर्ट कचहरी का चक्कर भी संभव, संबंध में से शुभ अशुभ दोनों तरह के घटनाक्रम, ज्यादातर मामलों में आखिरी मौके पर बाधा उत्पन्न होती रहेगी, सभी कार्य में अतिरिक्त प्रयास एवं अग्रिम तैयारी के साथ ईश्वर एवं माता-पिता के आशीर्वाद की जरूरत पड़ेगी शनि मंत्र ओम शं शनैश्चराय नमः का यथासंभव जाप शनिवार का दान एवं हनुमान चालीसा का पाठ लाभप्रद रहेगी।
धनु राशि- आपको शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी, सभी रुके कार्य में प्रगति एवं तरक्की का दौर प्रारंभ, लाभकारी परिवर्तन, नए कार्यों में संलग्नता, कुछ नए कार्य में पूंजी निवेश। कुछ चल – अचल संपत्ति की खरीदारी, मान सम्मान में वृद्धि, आपका पराक्रम बढ़ेगा, कुछ पुराने किए गए कार्यों के लिए सम्मान प्राप्ति का दौर, अधिकांश विवादित मामलों में सफलता मिलेगी, आमदनी के एक से अधिक नए स्रोत की प्राप्ति का दौर।
मकर राशि- संघर्षपूर्ण सफलता का दौर, स्वास्थ्य, मरम्मत तथा कुछ नई खरीदारी पर खर्च की अधिकता, कुछ पुराना विवाद कुछ पुरानी समस्या थोड़ी चिंता बढ़ाएगी, निवास या कार्यस्थल में परिवर्तन, कार्य की प्रकृति में भी परिवर्तन संभव, सभी कार्यों में अतिरिक्त प्रयास एवं श्रम की आवश्यकता पड़ेगी, प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ एवं जरूरतमंदों को कुछ खाने की सामग्री देना लाभप्रद रहेगी, अपने खानपान रहन सहन तथा बड़े मामलों में निर्णय लेने से पहले किसी अन्य से सन करना हितकर रहेगी।
कुंभ राशि- आपकी शनि की साढ़ेसाती चल रही है, शनि कुंभ राशि में ही गोचर करेंगे, कार्यक्षेत्र व्यापार-व्यवसाय में मिश्रित सफलता का दौर, आमदनी के साथ-साथ खर्च के अधिकता रहेगी, स्वयं घर के सदस्य की निवास या कार्यस्थल में परिवर्तन, छोटी-लंबी यात्राएं, कुछ अच्छे संबंधों में तनाव दूरी बढ़ेगी, कुछ नए संबंध संपर्क बनेंगे, कुछ रुके कार्यों में अतिरिक्त प्रयास से अच्छी सफलता मिलेगी, स्वास्थ्य तथा खानपान पर ध्यान देना होगा, शनि मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का यथासंभव जाप और हनुमान चालीसा का पाठ जारी रखें।
मीन राशि- आपकी शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होगी, स्वयं तथा परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य, संबंध एवं कार्यक्षेत्र में थोड़े-थोड़े अंतर बाधा उत्पन्न होगी, कुछ अच्छे संबंध संपर्क में मतभेद तथा दूरी बढ़ सकती है, इस संदर्भ में मध्य मार्ग अपनाना होगा, पूर्वानुमान एवं रिस्क संबंधी कार्यों में नुकसान उठाना पड़ सकता है, स्वयं घर के सदस्यों की स्वास्थ्य समस्या, घर के सुख सामग्री की मरम्मत तथा कुछ नई खरीदारी पर खर्च की अधिकता रहेगी, सभी कार्यों में अतिरिक्त प्रयास थोड़ा संयम तथा समझदारी का प्रयोग करना होगा, शनि मंत्र ओम शं शनैश्चराय नमः का यथासंभव जाप तथा हनुमान चालीसा का पाठ के साथ-साथ जरूरतमंद को कुछ खाने की सामग्री दान करना लाभप्रद रहेगी।
नोट: यह शनि का सामान्य गोचर फल है। इसके परिणाम में न्यूनता व अधिकता आपके कुंडली के दशा अंतर्दशा में चल रहे ग्रहों के अनुसार निर्धारित होती है।