27 जुलाई साल 2015 को पूरा देश रोया था, बच्चे से लेकर बूढ़े तक की आंखे नम थी, हर टीवी चेंनल और समाचार पत्र पर सिर्फ एक ही नाम था कलाम। मिसाइल मैन कहलाने वाले और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, यह एक ऐसे महान शख्स है जिनके बारे में सोचकर ही सकारात्मक विचारो का आना शुरू हो जाता है। दिल्ली में कलाम कि पुण्य तिथि पर दिल्ली भाजपा ने एक कार्यक्रम आयोजित कर उनको माल्यार्पण कर याद किया। इस मौके पर उनकी जीवनकाल पर एक छोटी सी फिल्म दिखाई गई, जिसमे कैसे एक नाविक का बेटा बना भारत का राष्ट्रपति बताया गया।
दिल्ली भाजपा आयोजित कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उनको याद करते हुए कहा, “पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम युवाओं और अविष्कारों को बेहद पसंद करते थे। इतने प्रतिभावान होने के बाबजूद उन्होंने हमेशा अपने जीवन काल में सादगी धारण किए रखा। वह कहते थे कि बड़ी विचारधारा के लोग धर्म का उपयोग मित्र बनाने के लिए करते हैं, जबकि छोटी विचारधारा धर्म को विवाद और लड़ाई का मुद्दा बनाते हैं। ऐसे में हम सभी को उनके दिखाए गये मार्ग का अनुसरण करना चाहिए”।
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है, इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिल नाडु में हुआ। साल 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति चुने गए थे कलाम। और 27 जुलाई 2015 को IIM-शिलांग में लेक्चर देते हुए गिर गए, शाम को पता चला की हृदय गति रुकने से वे गुजर गए। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति (पीपुल्स प्रेसिडेंट) के नाम से जाना जाता है कलाम को। इनके प्रेरक बोल आज भी लोगों के जीवन में बड़ी प्रेरणा के तौर पर आते हैं। एक मछुआरे के बेटे का दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का राष्ट्रपति बन जाना यूं ही नहीं हुआ होगा, इसके लिए अथक परिश्रम और पॉजिटिव सोच रही होगी जिसे उन्होंने पग पग पर जीवन में उतारा। कलाम कहते थे कि सफलता को कठनाईयो की ज़रूरत होती है, क्योकि सफलता का आनंद उठाने के लिए यह बेहद ज़रूरी है, कुछ इस तरह थे कलाम जिनके ना होने के बावजूद भी उनकी जब भी बात होती है तो मानो, ऐसा लगता है कि वह यही कही हमारे आस-पास मौजूद है।
इस आयोजन में बीजेपी सांसद और भाजपा महिला मोर्चा कि राष्ट्रिय अध्यक्ष पूनम महाजन, बस्ती से सांसद हरीश दिवेदी, केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव और कलाम जी कि जिंदगी से जुड़े कई गडमान व्यक्ति मौजूद थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दिल्ली प्रदेश युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव और पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष मनीष सिंह तथा उनके साथियों का अहम योगदान रहा।