कई सौ वर्षों के बाद पुनर्जीवित हुए सिमरिया महाकुंभ का दूसरा पर्व स्नान 29 अक्टूबर अक्षय नवमी के दिन होना है. दीपावली और बिहार के महान पर्व छठ संपन्न होने के बाद के दूसरे पर्व स्नान (शाही स्नान) में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना जताई जा रही है. तय कार्यक्रम के अनुसार सिमरिया महाकुंभ में दूसरे पर्व स्नान के दिन महाकुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज की अगुवाई में सुबह 7 बजे कुंभ शोभा यात्रा निकलेगी. दूसरे पर्व (शाही) स्नान की शोभा यात्रा में इस बार मुख्य आकर्षण महिला नागा संन्यासियों का दल रहने वाला है. पंच दशनाम जूना अखाड़ा प्रयाग से महिला नागा संन्यासी महंत उमा गिरी जी, पंजाब से महंत भगवान गिरी जी, मंडला, छत्तीसगढ़ से महंत गिरिजा गिरी जी, महंत सौहाद्री गिरी जी, महंत माहिगिरी जी और महंत त्रिजटा जी महिला नागा संन्यासियों के दल में रहने वाली हैं.
सिमरिया महाकुंभ के दूसरे पर्व (शाही) स्नान में 10 अखाड़े के संन्यासी शामिल हो रहे हैं. इनमें दिगंबर, निर्वाणी, निर्मोही, संतोषी, महानिर्वाणी, निरालंबी, खाकी, जूना, आवाहन और उदासी अखाड़े के संन्यासी और साधु, संत रहने वाले हैं. कुंभ शोभा यात्रा में कुंभ की शान माने जाने वाले नागा साधु सबसे आगे रहेंगे. पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुटे ये नागा साधु यात्रा में तलवार, भाले, त्रिशूल आदि से करतब दिखाते चलेंगे. नागा संन्यासियों का स्नान भी सबसे पहले होगा. नागा संन्यासियों के पीछे दंडी स्वामी रहने वाले हैं. दंडी स्वामियों के बाद रथ पर महिला नागा संन्यासियों का दल चलेगा. महिला नागा संन्यासियों का दल इस बार पर्व स्नान का मुख्य आकर्षण रहने वाला है. शोभा यात्रा में रथ पर पहले की तरह भारत माता का चित्र और एक रथ पर पंच देवताओं का चित्र विराजमान रहेगा.
अखाड़े से जुटे संन्यासियों और साधु- संतों में निर्वाणी अखाड़े के श्री महंत राम दुलारे दास जी महाराज, निर्मोही अखाड़े से श्री महंत ओंकार दास जी महाराज, संतोषी अखाड़े से श्री महंत राम दास जी महाराज, महानिर्वणी अखाड़े से श्री महंत आदित्य दास जी महाराज, निरालंबी अखाड़े से श्री महंत राम रतन दास जी महाराज, खाकी अखाड़े से अनुपम दास जी महाराज, पंच दशनाम जूना अखाड़ा से स्वामी धर्मानंद सरस्वती कुंभ शोभा यात्रा में शामिल रहने वाले हैं.
अखाड़ों से जुटे संन्यासियों और साधु संतों के बाद सर्वमंगला परिवार के देश भर से जुटे 56 पीठाधीश्वरों के साथ कुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज रहने वाले हैं. सर्वमंगला परिवार के प्रधान व्यवस्थापक स्वामी चिदानंद जी महाराज, पीठाधीश्वरों में प्रयाग पीठाधीश्वर स्वामी माधवानंद जी महाराज, हरिद्वार पीठाधीश्वर स्वामी गंगानंद जी महाराज, पुनौराधाम के स्वामी उमेशानंद जी महाराज, स्वामी नारायणा नंद जी महाराज, स्वामी प्रेम तीर्थ जी महाराज, स्वामी सत्यानंद जी महाराज, स्वामी विभूत्यानंद जी महाराज, स्वामी सुनीलानंद जी महाराज, स्वामी उदयनानंद जी महाराज सहित देश भर से जुटे 56 पीठाधीश्वर शामिल रहने वाले हैं.