“बिना संस्कार नहीं सहकार” इस घोष वाक्य के साथ,11 जनवरी, 1979 से प्रारंभ करके, सहकारिता क्षेत्र में, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत, “सहकार भारती” एक स्वयंसेवी संगठन है। वर्तमान में, “सहकार भारती” 28 प्रदेशों तथा 650 से अधिक जिला केंद्रों में कार्य कर रही है। सहकारिता क्षेत्र में सुसंस्कारित, ऊर्जावान कार्यकर्ताओं की टोली निर्माण करना, सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करना, सहकारी समितियां के समस्या समाधान हेतु प्रयास करना, सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी का प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास हेतु प्रयास करना, अनुसंधान करना, नयी सहकारी समितियों का गठन करने हेतु कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना, सहकारी समितियों के सम्मेलन तथा अधिवेशनों का आयोजन करना आदि कार्य सहकार भारती द्वारा किए जाते हैं।
सहकार भारती ने अपने भौगोलिक विस्तार के साथ-साथ इस वर्ष, विभिन्न प्रकोष्ठों में भी कार्य करने की योजना बनाई है। मार्च 2024 तक 12 से अधिक प्रकोष्ठों में राष्ट्रीय स्तर पर अधिवेशन/सम्मेलन करने का निर्णय सहकार भारती ने लिया है।
वर्तमान में अपने देश में क्रेडिट सोसाइटीयां, समाज के आर्थिक समावेश का महत्तम कार्य करते हुए भी, अनेक समस्याओं का सामना कर रही है, जिसके समाधान केंद्र सरकार के माध्यम से हो सकते हैं। केंद्र सरकार के सामने, क्रेडिट सोसाइटियों की समस्याओं को संगठित रूप से प्रस्तुत करने हेतु, सहकार भारती ने दि 2 और 3 दिसंबर, 2023 को दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटियों का एक विशाल, राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय किया है। क्रेडिट सोसाइटियों के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में पूरे भारतवर्ष से 10000 (दस हजार) प्रतिभागी सम्मिलित होंगे।
केंद्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री श्रीमान अमित शाह जी को इस अधिवेशन में संबोधन/मार्गदर्शन करने हेतु निमंत्रण दिया है। इस अधिवेशन में क्रेडिट सोसाइटी समस्या समाधान हेतु विभिन्न प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। (* लिखित स्वीकृति प्रतीक्षित)
इस अधिवेशन हेतु एक स्वागत समिति का गठन किया गया है और इस स्वागत समिति के अध्यक्ष पद पर काम करने के लिए बुलडाणा अर्बन क्रेडिट को ऑप सोसाइटी लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमान राधेशाम चांडक जी ने स्वीकृति दि है। उसी पद्धति से महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ली, मुंबई, गुजरात स्टेट को ऑप बैंक ली, अहमदाबाद तथा महाराष्ट्र राज्य क्रेडिट सोसाइटी फेडरैशन, मुंबई इन संस्थाओं ने इस अधिवेशन में Knowledge Partner के रूप में भूमिका अदा करने का निर्णय लिया है। और भी अन्य संस्थाएं Knowledge Partner के रूप में सम्मिलित हो सकती है।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में, क्रेडिट सोसाइटियों के वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Report) की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया है। वार्षिक वित्तीय विवरण प्रतियोगिता में हर प्रदेश स्तर से दो तथा केंद्रीय स्तर पर तीन संस्थाओं को चुनकर विशेष सम्मान, अधिवेशन के समापन सत्र में किया जाएगा।
सहकार भारती द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में क्रेडिट सोसाइटियों के निदेशक/पदाधिकारी, कर्मचारी, फेडरेशन्स, एसोसिएशन्स आदि सभी को इस अधिवेशन में सम्मिलित किया है।
क्रेडिट सोयायटी क्षेत्र की समस्या तथा सहकार भारती की मांगे
- सभी क्रेडिट सोसायटियों को डिपॉजिट इंशोरेन्स का लाभ प्राप्त हो।
- आयकर कानून में (Income Tax Act) क्रेडिट सोसायटी की परिभाषा सम्मिलित करके, धारा 80P (2); 269 SS तथा 269 T से छुट, किसी भेदभाव के बिना प्राप्त हो ।
- 97 संविधान संशोधन में विहित भाव का सम्मान करते हुए सभी राज्य तथा केंद्र में क्रेडिट सोसायटियों के पंजीयन का मार्ग प्रशस्त हो।
- क्रेडिट सोसायटियों को, राष्ट्रीय भुगतान गेट वे ( Payment Gateway) व्यवस्था की सदस्यता प्राप्त हो, जिसके कारण क्रेडिट सोसायटियों को कॅशलेस/डिजीटल व्यवहार करना संभव हो।
- क्रेडिट सोसायटियों को भी CIBIL जैसी व्यवस्था का लाभ प्राप्त हो।
- क्रेडिट सोसायटियों को प्रभावी तथा कार्यक्षम ऋण वसूली करने हेतु SARF ASI के प्रावधान, क्रेडिट सोसायटियों को लागू करे।
- क्रेडिट सोसायटियों को सरकारी प्रतिभूतीयोंमे लागत (Investment in Govt. Securities) करने की अनुमती प्राप्त हो।
- केंद्र सरकारद्वारा स्थापित, मुद्रा लोन जैसी योजनाओं मे क्रेडिट सोसायटियों को भी सहभागिता प्राप्त हो।
- सभी प्रदेशों में तथा केंद्र मे क्रेडिट सोसायटियों को विवेकपूर्ण लेखा परिक्षण मानकों को (Prudential Accounting Norms) लागू किया जाए।
- क्रेडिट सोसायटियों को स्वनियमन (Self Regulation) की योजना क्रियान्वित करने का मार्ग प्रशस्त हो।