सर्जना शर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं और वर्तमान में सन्मार्ग से जुड़ी हुई हैं
महिलाओं के विकास और उत्थान का पथ निश्चत करने वाले पुरुष नहीं हो सकते बल्कि इसके विपरीत संभव है महिलाओं को संदेश देने की औकात पुरूष वर्ग की नहीं है। पुरुषों को उनके उत्थान का दुस्साहस नहीं करना चाहिए। महिलाओं में अपार विविध शक्तियां हैं । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट स्टेट्स ऑफ वूमेन इन इण्डिया के विमोचन समारोह में डाक्टर भागवत ने दृष्टि द्वारा किए गए सर्वे को लैंड मार्क इवेन्ट बताते हुए कहा कि भारतीय इतिहास में भारतीय दृष्टि से किया गया ये सर्वे इतिहास लिखेगा। मोहन भागवत ने कहा कि संघ की दृष्टि सदैव मातृ शक्ति के उत्थान की रही है। उसका उदय आज हो गया है। ये सर्वेक्षण मातृ शक्ति स्वयं जगह-जगह पहुंचाएगी। लेकिन उन्होंने पुरुषों को आह्वान किया कि वो इस सर्वे को पढे और समाज में कुछ करे या न करें लेकिन अपने घर से मातृ शक्ति के प्रबोधन,संरक्षण, प्रोत्साहन और स्वतंत्रता का शुभ आरंभ करें । केवल इस सर्वे का अभिनंदन ना करें बल्कि इसका वास्तविक अभिनंदन पुरूषों की प्रवृत्ति से होगा।
दिल्ली में हुए भव्य समारोह में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि दृष्टि ने एक गैर सरकारी संस्था होते हुए भी सीमित संसाधनों में भी इतना उत्कृष्ठ कार्य किया है जो कि बड़े से बड़ी सरकारी संस्था भी तमाम संसाधनों के बावजूद ऐसा सर्वे नहीं कर सकती थी। इस सर्वे से सरकार को नीति निर्माण में सहायता मिलेगी । निर्मला सीता रमन ने कहा कि आजतक ज्यादातर सर्वे पश्चिमी मापदंड के अनुसार किया है ।
निर्मला सीता रमन ने कहा कि आज महिलाओं को तीन चीजें चाहिए संसाधनों के उपयोग के अवसर और वास्तविक रूप से महिलाओं का पार्टीशिपेशन ना कि टोकननिज्म। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी ये समझना चाहिए कि आरक्षण का जमाना गया बल्कि अब महिलाओं को अपनी कंफल्ट जोन से बाहर आना चाहिए। दृष्टि ने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर इतना अच्छा काम किया है । ये सर्वे केवल बुक सेल्फ और पुस्तकालयों में भी सीमित न रहे। दृष्टि को इसे जमीनी स्तर पर ले जाकर जन जन तक पहुचाना है । दृष्टि पुणे का एक स्वयं सेवी स्त्री संगठन है। कई दसको से महिलाओं के उत्थान और विकास के लिए कार्य कर रहा है । दो वर्ष के अथक और सतत् प्रयासों से दृष्टि ने भारत के 29 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे किया । लगभग 74095 महिलाओं से महिलाओं की ही 1081 टीमों ने सर्वे किया।