बिहार चुनाव डायरी- 4 जुलाई
15 साल के शासन में अगर कोई भूल हुई है तो माफी मांगता हूं।
बिहार में विधानसभा चुनाव को क़रीब पांच महीने हैं, लेकिन इस बार राज्य में सियासी गहमा-गहमी कुछ जल्दी ही तेज़ हो गई है। आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव बहुत-बहुत सधी हुई चालें चल रहे हैं। पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कह दिया कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 15 वर्ष के शासन काल में लालू जी ने सामाजिक न्याय नहीं किया। उन्होंने कहा कि 15 साल में हमसे कोई भूल हुई है, तो उसके लिए माफ़ी मांगते हैं। यही बात उन्होंने अपने ट्वीट में भी कही। इससे कई बातें साफ़ हो जाती हैं। एक तो यही कि पार्टी की मीटिंग में तेजस्वी की ज़ुबान फिसली नहीं, बल्कि उन्होंने किसी ख़ास रणनीति के तहत बयान दिया। अगर ज़ुबान फ़िसलती, तो वे ट्वीट के माध्यम से अपने बयान को दोहराते नहीं, बल्कि लीपा-पोती की कोशिश करते। अपने बयान में उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जब उनके माता-पिता ने बिहार में राज किया, तब वे छोटे थे। साफ़ है कि आरजेडी के युवराज बिहार के लोगों के ज़ेहन में अपनी छवि को परिवार की प्रतिच्छाया से अलग करना चाहते हैं। क्योंकि पिता लालू यादव को चारा घोटाले के कई मामलों में सज़ा मिल चुकी है, ऐसे में पार्टी की छवि को बेदाग साबित करने में बहुत मेहनत लगती। इससे बचने का ये अच्छा तरीक़ा है कि आप ख़ुद को परिवार की छवि से अलग कर लें। परिवार की छवि से हाथ झटक लेने के बाद तेजस्वी ये भी बोले कि बिहार की जनता उन्हें एक मौक़ा और देगी, तो वे उसे निराश नहीं करेंगे।
बीजेपी ने तेजस्वी को याद दिलाए चीन-पाकिस्तान!
तेजस्वी की चतुराई भारतीय जनता पार्टी ने न समझी हो, ऐसा नहीं हो सकता। बिहार बीजेपी की तरफ़ से तुरंत ही बयान आया। प्रवक्ता निखिल आनंद बोले कि सोने के पालने में पले-बढ़े चांदी के चम्मच से खाने वाले विरासत की बुनियाद पर नेता बने तेजस्वी यादव चुनाव के वक़्त माफ़ी का खेल खेल रहे हैं। लालू यादव या राबड़ी देवी ने कभी माफ़ी नहीं मांगी है। निखिल ने चार क़दम आगे बढ़कर कहा कि जिस तरह पाकिस्तान और चीन भारत विरोधी गतिविधियों के लिए माफ़ी के क़ाबिल नहीं हैं, उसी तरह तेजस्वी को भी माफ़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कांग्रेस को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि जिस तरह कश्मीर की बर्बादी और 1984 के सिख दंगों के लिए कांग्रेस को कभी माफ़ नहीं किया जा सकता, उसी तरह बिहार की बर्बादी के लिए वहां की जनता आरजेडी को माफ़ नहीं करेगी। वहीं जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने भी कहा कि बिहार के लोग चुनावी मौसम में छवि सुधारने की कोशिशें सफल नहीं होने देंगे। असल में एनडीए आगामी विधानसभा चुनाव को आरजेडी के 15 साल बनाम नीतीश कुमार के 15 साल को मुद्दा बनाकर लड़ना चाहता है। यही वजह है कि तेजस्वी अपने परिवार के 15 साल के लेखे-जोखे से ख़ुद को अलग करना चाहते हैं। उन्होंने इस बात का ज़िक्र ख़ास तौर पर किया कि नीतीश सरकार की शुरुआत में क़रीब दो वर्ष तक उप-मुख्यमंत्री रहते हुए उनसे कोई ग़लत काम हुआ।
भैया तेज प्रताप को याद आए मुरली वाले!
इधर पटना में छोटे भाई दाग़ धोने की कोशिश में लगे हैं, वहीं बड़े भाई तेज प्रताप यादव मथुरा में माथे पर चंदन लगाकर घूमते देखे गए। पहले भी जब ऐश्वर्या राय के साथ शादी के बाद दोनों में तना-तनी शुरू हुई थी, तो तेज प्रताप ने भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में डेरा डाला था। हाल ही में तेजस्वी ने तेज प्रताप से अलग रह रही पत्नी ऐश्वर्या की चचेरी बहन डॉ. करिश्मा को आरजेडी में शामिल किया है। इस पर तेज प्रताप भड़के हुए हैं। हो सकता है कि अशांत मन को सुकून देने के लिए ही वे मथुरा-वृंदावन और आसपास के धार्मिक स्थलों पर भटक रहे हों।