कोविड-19 महामारी दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करते जा रहा है। बिहार में भी इससे संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 3-4 दिनों में हर रोज एक हजार से ज्यादा मामले सामने आने से यहां संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई। एक तरफ कोविड-19 का प्रकोप बढ़ते जा रहा है वही दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, ऐहतियात और सावधानी के साथ जहां चुनाव आयोग इसकी तैयारियों में जुटा है वहीं राजनैतिक दल भी वर्चुअल और सोशल मीडिया का उपयोग कर जनता में अपनी नीतियों का प्रचार कर रहे हैं।
बिहार चुनाव को कोविड-19 महामारी कितना प्रभावित करेगा, विपक्षी पार्टी राजद इस महामारी को लेकर किस तरह राजनीति कर रही है, इन तमाम मुद्दों पर अतुल गंगवार ने वरिष्ठ पत्रकार रवि पाराशर, अनिता चौधरी और सोशल मीडिया एक्सपर्ट मनीष वत्स से चर्चा की है
बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव कोविड-19 को लेकर सरकार पर शुरू से हमलावर रहे हैं, कभी चुनाव टालने की बात करते हैं तो कभी सरकार कामों पर उंगली उठा रहे हैं, इस बीच
भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता और कई कार्यकर्ता कोविड से संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में तेजस्वी का एक बयान सामने आया है कि बिहार में कोरोना फैलाने में भाजपा-जदयू का हाथ है, तेजस्वी का ये बयान ना केवल उटपटांग है बल्कि असंवेदनशील भी है। बिना कुछ सोचे समझे बेतुका बयान देकर तेजस्वी ने ये साबित कर दिया कि वो अभी भी राजनैतिक रूप से अपरिपक्व हैं। अभी जबकि महामारी के इस दौर में वे जनता के साथ खड़े रहने की बात करते। प्रदेश में चलाए जा रहे राहत कार्यों में सरकार की मदद के लिए हाथ बढ़ाते, वे लगातार दुराग्रह पूर्ण बयान जारी कर कोविड वारियर्स के हौसलों को तोड़ रहे हैं।
एक तरफ तेजस्वी यादव असंवेदनशील व्यवहार तो कर ही रहे हैं दूसरी तरफ उनकी सहयोगी कांग्रेस भी एक कदम आगे निकल गई, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान जिसमें उन्होंने अयोध्या का नेपाल में होने कि बात कही है और भारत पर सांस्कृतिक दमन करने का भी आरोप लगाया कांग्रेसी प्रवक्ता ने भारत के प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह से जबाब मांगा है।
कांग्रेस अपनी नीतियों के कारण ही जनता से कट गई है, आज देश में कांग्रेस की दुर्दशा का जिम्मेवार ऐसे ही अनर्गल प्रलाप हैं, शायद कांग्रेस को पता नहीं कि देश जितना भाजपा का है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है उतना ही कांग्रेसी नेताओं का भी है, राम सिर्फ भाजपा के नहीं बल्कि सबके राम हैं, पर कांग्रेस को इसकी सुध कहाँ? तुष्टिकरण के मोह में कांग्रेस ने भारत और उसकी सांस्कृतिक धरोहरों को नकार दिया है, जिसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस दिन प्रतिदिन गर्त में चली जा रही है। ओली ने जो बोला ये उनका चीन प्रेम बोल रहा है, वे अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं, भारत और नेपाल का रिश्ता रोटी-बेटी का है, जिसे ओली जैसे लोग कभी तोड़ नहीं सकते पर कांग्रेस भी तो ओली से कम नहीं है।
कुल मिलाकर बिहार में कोरोना के बीच चल रहे राजनैतिक माहौल में एक तरह तेजस्वी चुनावी दबाब में आकर बच्चों जैसी हरकतें कर रहे हैं, दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस मुद्दाविहीन होकर बेकार के सवाल खड़ा करके खुद ही अपनी ताबूत में आखिरी कील ठोंक रही है।
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