अपने ही लोगों से घिरे मोदी पर अब राजद हुआ आक्रमक, सीएम को भी नहीं छोड़ा, कहा नीतीश तो…

केंद्र की मोदी सरकार के 3 साल पूरा होने के बाद एक ओर जहां सत्ता पक्ष अपने विकास के दावों को पुख्ता करता नजर आ रहा है, वहीं विपक्ष उन सभी दावों की पोल खोल रही है. सत्ता पक्ष के उपलब्धियों के दावों पर पलटवार करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक शक्ति सिंह यादव ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल के शासन काल में धीरे-धीरे देश खोखला होता जा रहा है.

देश का जीडीपी 5 से कुछ ज्यादा है। इतनी मंदी के दौर से गुजरने के बाद नोटबंदी कानून ने देश के आम आदमी का बुरा हश्र कर दिया है. मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर छिन्न हो गए हैं. जहां से कई परिवारों का भरण पोषण होता था. सीधी नियुक्तियां देश में लगभग बंद हो चुकी है, जिसके कारण युवा दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. फलस्वरुप युवा चौक चौराहे पर आंदोलन कर अपनी हक की मांग कर रहे हैं. पर अच्छे दिन के सपने दिखाने वाले प्रधानमंत्री ने देश को रोज नया नया इवेंट परोसकर प्रोपगंडा के माध्यम से जमीनी हकीकत से नजर चुराना चाहते हैं. पर देश की जनता इतने दिनों में मोदी के सच को जान गई है. विपक्ष तो विपक्ष सत्ता पक्ष के नेता यशवंत सिन्हा के लेख ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. और नोटबन्दी देश के अर्थव्यवस्था के लिए घातक हुआ, पर मोदी और अमित शाह के आतंक से कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं.

shakti-yadav

जीएसटी लागू होने के बाद आज देश के व्यापारी आंसू बहाने पर मजबूर है क्योंकि जीएसटी से होने वाले व्यपारियों के नुकसान का आकलन सरकार ने नही किया. जीएसटी से मंझले और छोटे व्यापारी प्रताड़ित हो रहें हैं. इस देश की अर्थव्यवस्था का हाल इतना बुरा होने के बावजूद भी देश के कुछ मोदी भक्त विकास की गंगा बहाने का शो चलाते हैं. मुझे तो हैरानी होती है कि नीतीश कुमार ने किस मुहँ से नोटबंदी को जायज ठहराया था और उनका नजरिया क्या था? नीतीश कुमार भी इवेंट कर प्रोपगंडा से सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वालो में से हैं. पर जब धीरे धीरे सच सामने आ रहा है अब तो विशेष राज्य के दर्जा को राजनीतिक मुद्दा बनाने वाले नीतीश कुमार आज मोदी गठबंधन के रहने के वावजूद भी चुप्पी साध गये हैं. क्योंकि इनको पता है विशेष राज्य दर्जा मुद्दा मेरे लिए मौजू नही है क्योंकि एनडीए हुकूमत के साथ हैं और विशेष राज्य का दर्जा बिहार को दिला भी नहीं रहें हैं. यही कारण है नीतीश कुमार इस मुद्दे को छूना नही चाहतें हैं. ताकि राजनीतिक मुद्दा तार तार ना हो जाए.

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