मुकेश अंबानी की नेतृत्व में रिलायंस रिटेल 95वें स्थानों की लंबी छलांग लगा कर डेलॉयट की विश्व की शीर्ष 250 रिटेल फर्मों में 94वें स्थान पर पहुंच गई है। इस लिस्ट में जगह बनाने वाली यह अकेली भारतीय कंपनी है। डेलॉयट ने मंगलवार को ‘ग्लोबल पॉवर्स ऑफ रिटेलिंग 2019’ की सालाना लिस्ट जारी की। कंपनी ने ग्रॉसरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और लाइफस्टाइल बिजनेस में काफी तेजी से बिक्री बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।
डेलॉयट ने वित्तीय वर्ष 2017 के लिए अपने खुदरा राजस्व के आधार पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट के लिए विश्व स्तर पर 250 फर्मों को सूची में स्थान दिया है, इसने भारतीय कंपनियों के मामले में मार्च 2018 को समाप्त वर्ष के लिए दर्ज की गई बिक्री को आधार बनाया है।
रिलायंस रिटेल ‘वित्त वर्ष 2016 में फास्टेस्ट 50 सूची में शामिल होने वाली एक नई कंपनी थी (जिसे पिछले साल जारी किया गया था) और वित्त वर्ष 2017 में अपने रिटेल बिक्री (स्थानीय मुद्रा में) को लगभग दोगुना करके इसकी तेजी से वृद्धि जारी रखी है। यह सफलता 95 स्थानों की अपनी चढ़ाई में भी स्पष्ट हुई और रिलायंस रिटेल टॉप 250 की सूची में 94वें स्थान पर पहुंच गई है।
रिलायंस रिटेल तेल-से-टेलीकॉम तक कार्यरत समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज का एक हिस्सा है।
कंपनी के ‘‘रिटेल सेगमेंट में मजबूत संचालन प्रदर्शन देखा गया है, जो अपने ग्रॉसरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन और लाइफ स्टाइल व्यवसायों में प्रमुख वृद्धि से प्रेरित है।’’
यह स्टोर के विस्तार और उन्हीं स्टोर की बिक्री में बढ़ते के साथ ही रिलायंस रिटेल के स्टोर्स की अवधारणाओं से समर्थित था।
रिलायंस रिटेल, जो 6,400 से अधिक कस्बों और शहरों में 9,907स्टोर संचालित करता है, जो राजस्व और स्टोर की कुल संख्या दोनों में भारत की सबसे बड़ी रिटेल चेन है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में, कंपनी ने राजस्व दोगुना से अधिक 93,903 करोड़ रुपए और 4,278 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया है।
रिपोर्ट के अनुसार ‘‘दुनिया के शीर्ष 10 खुदरा विक्रेताओं ने वित्तीय वर्ष 2017 में शीर्ष 250 के कुल खुदरा राजस्व में 31.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी का योगदान दिया, जो साल-दर-साल 0.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। शीर्ष तीन रिटेल विक्रेताओं ने अपने स्थान बनाए रखे हैं, जबकि अमेजन ने दो स्थानों की छलांग लगाते हुए चौथा स्थान हासिल किया है और रिटेल में 25.3 प्रतिशत के बिक्री बढ़ोतरी के साथ सर्वाधिक रिटेल राजस्व बढ़ोतरी हासिल की है।
वॉलमार्ट ने वित्त वर्ष 2017 में अपने खुदरा राजस्व में 3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखा। ‘वॉलमार्ट की हालिया पहल में भारतीय रिटेलर, फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण और जापानी रिटेलर राकुटेन के साथ इसकी साझेदारी शामिल है।’
कॉस्टको ने अपनी नंबर 2 रैंकिंग को बनाए रखा जबकि क्रोगर को इसके ठीक पीछे रखा गया था।
शीर्ष 10 में से सात अमेरिकी रिटेलर्स थे जबकि जर्मन फर्म श्वार्ज़ और एल्डि इंकैफ क्रमश: 5वें और 9वें स्थान पर आए थे। यूके की टेस्को एक स्थान की छलांग लगाकर 10 वें स्थान पर आ गई।
शीर्ष 250 खुदरा विक्रेताओं में यूरोपियन रिटेलर्स की संख्या सबसे अधिक है, जिसकी 87 कंपनियां रिटेल सेक्टर में कार्यरत हैं।