नई दिल्ली, 11अक्टूबर, 2024
नवरात्रि के शुभ अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति, तरुणी विभाग द्वारा दिल्ली विश्वविधालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) में डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया।
उत्सव में तरुणियों ने परंपरागत वेश में, गरबा एवं डांडिया का आनंद लिया और मां भगवती को स्मरण कर शक्ति का आह्वान किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम से पूर्व लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी वर्ष के अंतर्गत कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथि डॉ. ज्योति चौथाइवाला ने लोक माता अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके जीवन से जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया और उनके जीवन से सीख लेने की प्रेरणा दी। ज्योति जी ने बताया कि सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में अहिल्याबाई की पूर्ण सहभागिता थी। माता अहिल्याबाई होलकर अपनी प्रशासनिक कुशाग्रबुद्धि, परोपकार और भारतीय समाज में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए पूजनीय है।
राष्ट्र सेविका समिति प्रांत सह-कार्यवाहिका प्रतिभा बिष्ट जी ने भगिनी निवेदिता की जीवन यात्रा का उल्लेख करते हुए ये बताया कि किस प्रकार विदेशी भूमि पर जन्मी ‘मार्गरेट’ भारत भूमि को एक निवेदित पुष्प की तरह प्राप्त हुईं और जीवन के अंतिम क्षण तक समाज और राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहीं। आज के युवा को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
ऋतु लावनिया जी ने राष्ट्र सेविका समिति के उद्देश्य को उजागर करते हुए बताया कि राष्ट्र सेविका समिति देश की सुषुप्त नारी शक्ति को जागृत करके राष्ट्र और समाज कल्याण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है और नित नये प्रयासों द्वारा हमें समिति को सदैव आगे बढ़ाते रहना है।
पी.जी.डी.ए.वी. महाविद्यालय (सांध्य) के प्राचार्य प्रो० रविंद्र कुमार गुप्ता जी ने देश की नारी शक्ति को नमन करते हुए बताया कि समाज और राष्ट्र हित के लिए राष्ट्र सेविका समिति के कार्य सराहनीय हैं।
यह आयोजन परंपरागत संगीत, नृत्य और एकता का एक जीवंत प्रदर्शन था, जहां डांडिया रास के जरिए नवरात्रि का पर्व मनाने हेतु तरुणियां एकत्रित हुईं। कार्यक्रम ने एक उत्साहपूर्ण जनसमूह का चित्रण प्रस्तुत किया और प्रतिभागियों ने इसमें गरबा और डांडिया की लयबद्ध ताल का आनंद लिया।