विमान से उतरकर प्रधानमंत्री मोदी सीधे हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए पहुंचे। वहां उन्होंने मास्क लगाकर बजरंगबली का दर्शन और पूजन किया, इस दौरान मुख्यमंत्री योगी लगातार उनके साथ मौजूद रहे। हनुमानगढ़ी में पीएम ने पूजा करने के साथ हनुमान जी की आरती भी उतारी। पूरे समय पीएम और सीएम दोनों ने ही उचित दूरी बनाकर रखी।
हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का आशीर्वाद लेकर प्रधानमंत्री और सीएम योगी ने भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए श्रीराम जन्म भूमि की ओर प्रस्थान किया। पूरा कार्यक्रम एकदम समयानुसार संपन्न हुआ। पीएम और सीएम अलग-अलग गाड़ियों से श्रीराम जन्म भूमि रवाना हुये।
पीएम ने रामलला के चरणों में लेटकर शीश नवाया
श्रीराम जन्म भूमि पहुंचकर सबसे पहले प्रधानमंत्री ने रामलला का दर्शन किया, मोदी ने भूमि पर लेटकर प्रभु श्रीराम को दण्डवत प्रणाम किया, पीएम ने रामलला के चरणों में लेट कर शीश नवाया। इसके उपरान्त शंखों और घण्टों की परम गुंजायमान देव ध्वनि के बीच उन्होंने परिक्रमा की, परिक्रमा के बाद उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र, जगत जननी मां सीता, वीरवर लक्ष्मण एवं रामभक्त हनुमान के विश्व प्रतिष्ठित विग्रहवान स्वरुप की आरती उतारी। पुनः रामलला को प्रणाम कर पीएम वहां से बाहर निकले, इसके बाद उन्होंने परिसर में शास्त्र वर्णित देववृक्ष पारिजात का पौधा रोपित किया।
ठीक उसी स्थान पर पूजन हुआ जहां परम आराध्य रामलला की पूर्व स्थापना थी
कुछ ही क्षणों के उपरान्त प्रधानमंत्री गर्भगृह के पास स्थित भूमि पूजन स्थल पर पहुंचे, पूजन वेदी बिल्कुल तैयार ही थी। भूमि पूजन ठीक उसी स्थान पर प्रारम्भ हुआ जहां परम आराध्य रामलला की पूर्व स्थापना थी। प्रधानमंत्री के पहुंचते ही प्रखर मर्मज्ञ और विद्वान् पंडितों ने उन्हें आसन पर बिठाया, पीएम के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी आसन ग्रहण किया। इसी के साथ उच्च पांडित्य स्वरों में मंत्रोच्चार प्रारम्भ हुआ। विद्वान् पंडितगण बीच-बीच में मन्त्रों का भावार्थ भी वर्णित कर रहे थे।
पंडितों ने पवित्र जल से शिव संकल्प, शक्ति संकल्प और सात्विक संकल्प कराया
श्री गणेश, गौरी के पूजन के साथ, ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रारम्भ हुआ। प्रधानमंत्री का पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी उच्चारित करते हुए पंडितों ने हाथ में पवित्र जल धारण कराकर पीएम से शिव संकल्प, शक्ति संकल्प और सात्विक संकल्प कराया। पीएम मोदी द्वारा यह भूमि पूजन बिल्कुल निर्धारित एवं नियत समय से संपन्न हो रहा था। नियत मुहूर्त में भूमि पूजन के साथ प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण की आधारशिला का पूजन भी किया। यह आधारशिलाएं नौ प्रस्तर खंडों में रखी थीं। पीएम द्वारा नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा, अजिता, अपराजिता, शुक्ला व सौभाग्यनी नाम की आधार शिलाओं का पूजन किया गया।
श्रीराम जय-राम, जय-जय-राम की गगन भेदी ध्वनि से पूरा वातावरण गूँज उठा
कांची कामकोटि पीठ से आया हुआ ताम्रपत्र भूमि पूजन स्थल पर रखा गया था। इसी ताम्र पात्र पर पूजन का पूरा मुहूर्त विवरण अंकित था। भूमि पूजन कार्यक्रम 40 मिनट तक चला, भूमि पूजन के दौरान विद्वान् पंडितों ने दुर्गा रक्षा कवच का भी पाठ किया, मां महा काली, दुर्गा, कात्यायनी के नाम का उच्चारण करते हुए जय-जयकार ध्वनि गुंजायमान हुयी। गर्भ गृह के स्थान पर जिस पावन भूमि का पूजन किया गया उसी छिछले गड्ढे में चांदी का फावड़ा और कन्नी रखी थी। प्रधानमंत्री ने पूजन स्थल की परिक्रमा की। श्रीराम जय-राम, जय-जय-राम की गगन भेदी ध्वनि से पूरा वातावरण गूँज उठा।
पूजी गयीं नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा, अजिता, अपराजिता, शुक्ला व सौभाग्यनी शिलायें
निर्धारित मुहूर्त पर प्रधानमंत्री ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ आधार शिलाओं को गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया गया, इन शिलाओं को राम मन्दिर निर्माण की प्रारम्भिक नींव में सुरक्षित रखा जाएगा। तदुपरांत नींव के लिए गर्भगृह का गहराई में उत्खनन होने पर रामलला के सिंहासन के ठीक नीचे इन्हें स्थापित किया जाएगा। नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा, अजिता, अपराजिता, शुक्ला व सौभाग्यनी नाम की यह आधार शिलायें सदैव विश्व का मंगल करने वाले ऐतिहासिक प्रभु श्रीराम के मन्दिर का स्वर्णिम इतिहास बनाने की गाथा का भी आधार मानी जाएंगी।