बिहार अपडेट: त्योहारों के मौके पर रेलवे ने यात्रियों को राहत देते हुए सालभर में 50 प्रतिशत से कम बुक होने वाली 15 प्रीमियम रेलगाड़ियों पर से फ्लेक्सी किराया योजना को समाप्त कर दिया है। कम मांग वाले मौसम में, जब टिकट बुकिंग 50 से 75 प्रतिशत तक घट जाती है, ऐसी 32 गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया योजना लागू नहीं होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेलवे ने 101 ट्रेनों में फ्लेक्सी किराये की दर को आधार मूल्य के 1.5 गुना के बजाय 1.4 गुना कर दिया है।
त्यौहार पर रेल यात्रियों के लिए सरकार का तोहफा: रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर के मूल को अधिकतम 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुना करने का फैसला किया है, साथ ही 50% से कम बुकिंग होने वाली ट्रेनों पर फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। pic.twitter.com/5XuCeDKbS6
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 31, 2018
रेलवे की ओर से यह कदम जुलाई में आई कैग की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर 2016 में योजना के लागू होने के बाद से सीटें खाली रह जाती है। साथ ही फ्लेक्सी किराया को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया था। रेलवे के सूत्रों ने कहा कि योजना में बदलाव से रेलवे को करीब 103 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हालांकि, उसने उम्मीद जतायी है कि किराया कम होने से सीटें भरने में मदद मिलेगी और अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
कम सीटें भरने के कारण जिन रेलगाड़ियों से फ्लेक्सी किराया योजना को हटाया जायेगा उनमें कालका-नयी दिल्ली शताब्दी, हावड़ा-पुरी राजधानी, चेन्नई-मदुरै दुरंतो शामिल है। जिन ट्रेनों में कम मांग अवधि के दौरान फ्लेक्सी किराया लागू नहीं होगा, उनमें- अमृतसर शताब्दी, इंदौर दुरंतो, जयपुर दुरंतो, बिलासपुर राजधानी, काठगोदाम-आनंद विहार शताब्दी, रांची राजधानी सहित अन्य शामिल हैं।
भारतीय रेल ने 9 सितंबर 2016 को प्रीमियम रेलगाड़ियों के लिये फ्लेक्सी फेयर योजना पेश की थी। इनमें 44 राजधानी, 52 दुरंतो और 46 शताब्दी गाड़ियां शामिल थी। रेल मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘त्यौहार पर रेल यात्रियों के लिए सरकार का तोहफा, रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर को मूल किराये के अधिकतम 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुना करने का फैसला किया है, साथ ही 50% से कम बुकिंग होने वाली ट्रेनों पर फ्लेक्सी किराया को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘यह स्थिति यात्रियों और रेलवे दोनों के लिये फायदेमंद है। फ्लेक्सी किराये में कमी से यात्रियों को सस्ती दरों पर टिकट मिलेंगी जबकि रेलगाड़ियों की सीटें की मांग में वृद्धि होगी।’