भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की क्वीन रानी चटर्जी ने सिने स्क्रीन पर अपने सफर के 13 साल पूरे कर लिये हैं. इंडस्ट्री में आते ही भोजपुरिया दर्शकों के दिलो दिमाग में छा गयी थी. रानी का जलवा आज भी कायम है. इस दौरान रानी को कई अभिनेत्रियों से चुनौती मिली, लेकिन वह अपने दम पर बिना किसी सहारे के आगे बढ़ती गयीं. आज वह अपने दम पर भी फिल्में हिट कराने की क्षमता रखती हैं. यह क्षमता भोजपुरी फिल्म जगत की किसी दूसरी अभिनेत्री में नहीं है.
फिल्म ‘ससुरा बड़ा पैसावाला’ से अपने करियर का आगाज करने वाली रानी चटर्जी ने सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है. ‘ससुराबड़ा पैसावाला’ वही फिल्म थी, जिससे भोजपुरी फिल्म उद्योग पुनर्जीवित हुआ. तब रानी मात्र 16 साल की थी. तब से लेकर आज तकहर साल रानी को हर एक नयी अभिनेत्री से चुनौती मिली, जिसमें कुछ हिंदी फिल्मों की चर्चित अभिनेत्रियां भी शामिल हैं. मगर कोई भीरानी की दर्शकों के बीच लोकप्रियता के सामने टिक न सकीं.
वर्ष 2005 के बाद से ही रानी को चुनौती मिलनी शुरू हुई. पहले रिंकु घोष और दिव्या देसाई आयी, मगर रानी तो रानी ही थी. इसलिएरिंकु और दिव्या उनका सिक्का हिला नहीं पायीं. बाद के दिनों में रिंकु शादी कर विदेश में बस गयी तो दिव्या, रश्मि देसाई के नाम सेहिंदी धारावाहिकों में फेमस हो गयी. एक समय ऐसा आया, जब हिंदी फिल्मों की चर्चित अभिनेत्री नगमा, रंभा और भूमिका चावला कोरानी के विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा. मगर ये अभिनेत्रियां जिस रफ्तार से आयीं, उसी रफ्तार गायब भी हो गयीं. नगमा इन दिनों सक्रिय राजनीति में हैं, तो रंभा और भूमिका चावला शादी कर अपना जीवन जी रही हैं.
इसके बाद पाखी हेगड़े और मोनालिसा का इंडस्ट्री में आगमन हुआ. पाखी को भोजपुरी के सुपर स्टार दिनेशलाल यादव निरहुआ काजमकर सपोर्ट मिला, मगर वह भी ज्यादा दिनों तक इंडस्ट्री में टिक नहीं सकी. हालांकि मोनालिसा आज भी इंडस्ट्री में सिक्का जमायेहुए हैं, मगर रानी से उनका कोई जोड़ नहीं है. यूं तो मोनालिसा बिग बॉस सीजन 10 से देशभर में फेमस हुई, मगर जो कद इंडस्ट्री मेंरानी का है, वह अभी तक मोना के नाम नहीं है. फिर अंजना सिंह, काजल राघवानी, अक्षरा सिंह और आम्रपाली दुबे आयीं. हालांकि येअभिनेत्रियां आज भी भोजपुरी फिल्म जगत में छायी हुई हैं.
काजल राघवानी को जहां भोजपुरिया सुपरस्टार खेसारीलाल यादव का सपोर्ट मिल रहा है, वहीं अक्षरा सिंह को पवन सिंह का, तोआम्रपाली को दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ का. हालांकि अंजना सिंह अपने दम पर जरूर आगे बढ़ रही हैं. मगर इन चारों में वो दम नहीं कि अपने बल पर कोई फिल्म को हिट करा सकें. काजल और आम्रपाली आज लोगों में खासी लोकप्रिय हैं. फिर भी रानी चटर्जी इन सबपर भारी पड़ती हैं.
इन अभिनेत्रियों के अलावा अब भोजपुरिया इंडस्ट्री में एक नयी पौध भी आयी है, जो रानी के समक्ष चुनौती बनकर खड़ी होने की काबिलियत रखती है. खुद रानी की मानें तो प्रियंका पंडित, पूनम दुबे और काजल यादव अपने दम पर अच्छा काम कर रही हैं, मगर उन्हें अभी निखरने में समय लगेगा. वहीं, इंडस्ट्री की नयी अभिनेत्रियों में सुचित्रा बनर्जी, ऋतु सिंह, मोहिनी घोष शामिल हैं, जिनसे बॉक्स ऑफिस को कुछ उम्मीदें हैं.
रानी चटर्जी से यह पूछने पर कि आपको कभी इंडस्ट्री में आने वाली अभिनेत्रियों से खतरा नजर आया? इस पर रानी कहती हैं कि खतरा तो उन्हें लगता है, जो खुद किसी को कुर्सी से उतार कर बैठी हों. मगर मैंने यह पोजिशन खुद की मेहनत से बनाया. मुझे तो खुदसे ही खतरा महसूस होता है. जिस दिन मैं मेहनत करना छोड़ दूंगी, मेरे लिए खतरा उत्पन्न हो जायेगा.
– साक्षी दीक्षित