लोक आस्था प्रमाण है, कुंभस्थली सिमरिया धाम है

सिमरिया महाकुंभ का दूसरा पर्व स्नान ऐतिहासिक रूप से सफल रहा. अक्षय नवमीं का पावन दिन होने के कारण रात 12 बजे के बाद से ही लोगों ने मां गंगा में स्नान करना शुरू कर दिया. सिमरिया महाकुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज के साथ निकली शोभा यात्रा में ही लाखों लोग शामिल हुए. नागा संन्यासियों का करतब देखते बनता था. दोपहर 1.30 तक मोटे अनुमान के तौर पर लगभग 13-14 लाख लोगों ने स्नान किया. देर शाम तक इस संख्या के और बढ़ने की संभावना जताती जा रही है.

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