हरिद्वार ज्वालापुर के सेवा भावी युवाओ की कहानी पार्षद अनुज सिंह की जुबानी…
60 दिन से सुबह दोपहर और शाम को निरंतर सेवा भाव से असहाय लोगों को खाना खिलाया जा रहा है ।
इस कार्य की शुरूआत कैसे हुई इसकी वजह भी बहुत रोचक है। मेरे मित्र का मेरे पास फ़ोन आया कि ज्वालापुर रेलवे स्टेशन के पास कुछ लोग भूखे है उनको जा कर देख लो। तो मैं और मेरे साथी जब ज्वालापुर रेलवे स्टेशन गए तो वहाँ हमको 18 लोग मिले जिन्होंने सुबह से कुछ नहीं खाया था हमने उसी समय अपने घरों में फोन करके उनके लिए खाने की व्यवस्था कर दी, लेकिन उनको खाना खिलाते हुए ये सोचता रहा कि इनकी जरूरत तो रोज की होगी जब तक ये लॉकडाउन नही खुलता ये कैसे भूख से बचेंगे? अगले सुबह ही मैं और मेरे साथी लोगों के घर गए और उनसे आग्रह किया कि सुबह 10 बजे और शाम को 7 बजे गोल_गुरुद्वारे पर खाना दे और जो आ नहीं सकते उनके घरों से हम लोग खुद खाना ले आएंगे और उनसे हमने अनुरोध किया कि वह कम से कम एक आदमी का खाना जरूर दे जो वह अपने लिए बना रहें हैं उसमें एक व्यक्ति का खाना अतिरिक्त बनाए। तो वार्ड के लोगों का सहयोग बहुत अच्छा मिला। सेवा शुरू हुई लेकिन जैसे जैसे लोगों को पता चला कि यहाँ तीनों टाइम खाने की व्यवस्था हो रही है तो अब यहाँ भीड़ ज्यादा होने लगी तो मैंने एक गोल गुरुद्वारा युवा संगठन के नाम से एक पूरे वार्ड के युवाओं का ग्रुप बना रखा है तो उसमें एक msg किया कि लोग ज्यादा हो गए है तो और लोग सेवा करें और हम सब सुबह और शाम को दोनों टाइम लोगों के घर मिलकर घर गए उनको बताया की ये समस्या है और हमारे द्वारा सबके यहाँ से कुछ हिस्सा खाने के रूप में आता है तो इस जंग के साथ मिलकर लड़ा जा सकता है तो सभी तैयार हो गए आज 60 दिन बाद भी कम से कम 350 से 400 परिवार ऐसे है जो हमको सेवा देते है। कुछ शाम को, कुछ सुबह और कुछ दोनों समय। हमें सभी वार्डवासियों का बहुत सहयोग प्राप्त हो रहा है, कोई गरीब भी है तो वह भी अपनी सामर्थ्य से कम से कम 1 आदमी का खाना तो दे ही रहा है ।
हजारीबाग से लेकर ज्वालापुर फाटक तक के लोग सहयोग कर रहे है और कुछ नए लोग भी लगातार जुड़ते जा रहे है। जरूरतमंद लोगों को कच्चा राशन भी हमारे द्वारा दिया जा रहा है।nलगभग अभी तक 700 परिवारों को कच्चा राशन भी दिया जा चुका है। जिसका रिकॉर्ड भी हमारे पास है लेकिन उनका कोई चित्र नहीं है क्योंकि हमने किसी को राशन दिया तो उसका फ़ोटो नही लिया ।
ओर ईश्वर ने चाहा तो निरन्तर ये सेवा चलती रहेगी जब तक स्थिति सामान्य नही हो जाती ।
हमारी ये मुहिम अपने साथियों की पूरी टीम जिसमें लगभग 40 से 50 लोग है की वजह से सफल हुई सबका बहुत बहुत धन्यवाद।
कुँवर बाली, हर्षवर्धन नाथ,सूरज दुआ,देवेंद्र खत्री,विनीत शर्मा,किसन रावत,राहुल राघव, जसप्रीत सिंह,सचिन वर्मा ,विनोद यादव,अमित शर्मा,रंजन माहेश्वरी, रूपेश गोयल, आशीष गर्ग,राहुल यादव,हिमांशु रावत,पुष्पेंद्र,विनय, संतोष, प्रभात शर्मा,विक्रम सिधु, महिपाल त्यागी, देवाशीष गुरुंग, अंकित,,प्रदीपमित्तल, ,मयंक, मुनीश वर्धन, भानुप्रताप राठी,विनय,राहुल यादव, सन्नी भार्गव,अनुज राघव,सुभम भारद्वाज,रवि धीमान,विनय कुमार,मुकेश गुप्ता,,रविन्द्र सिंह,,राजा राम गोले,कृपा शंकर तिवारी,दीपक नारंग,सौरभ शर्मा,सचिन कुमार,मोनिक धवन,सुमित भटनागर,अजित तोमर,विनय कुमार,,धीरज चांदना,विनय कटियार,विशाल मिश्रा, कन्नू, पुरषोत्तम, तेजस्वी रौतेला,परमजीत सिंह,विवेक गर्ग,सुमित बंसल,शालू,
इन सबके साथ मेरी वार्ड की माताओ ओर बहनों ने जो साथ दिया है अगर वो घरो से खाना न बना कर भेजती तो ये मुहिम तभी बंद हो जाती उनका तो इस जंग में अहम योगदान है और अभी तक 60 दिन हो गए हमें कभी हलवाई की जरूरत नहीं पड़ी जबकि दोपहर को 300 लोग हो जाते हैं और शाम को भीड़ बढ़ जाती है 400 से 450 लोग आ जाते है ।