प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लद्दाख पहुंच गए। जवानों को सरप्राइज करने के लिए पीएम मोदी ऐसे आकस्मिक दौरे करते रहे हैं। नीमू में फारवर्ड लोकेशंस पर प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार तड़के पहुंचे। उन्होंने यहां पर सेना, एयरफोर्स और इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों से बात की। करीब 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू की टेरेन बेहद मुश्किल मानी जाती है। यह इलाका सिंधु नदी के किनारों पर स्थित है। आइए आपको याद दिलाते हैं कि पीएम मोदी ने इससे पहले कब जवानों के बीच पहुंचकर उन्हें सरप्राइज किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ इस बार लद्दाख दौरे पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी गए हैं।
बॉर्डर पर चीन के साथ तनाव के बीच पहुंचे प्रधानमंत्री ने जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्हें पहले सीनियर ऑफिशियल्स ने ब्रीफ किया जिसके बाद पीएम ने जवानों को संबोधित किया। जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें भारतीय सेना का अनुशासन और कोरोना वायरस के चलते सावधानी साफ नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तैनात जवानों संग दिवाली बनाई थी। सैनिक उनकी इस सरप्राइज विजिट से बेहद खुश थे। पीएम ने बीजी ब्रिगेड हेडक्वार्टर्स में जवानों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई थी।
नवंबर 2018 में जब दिवाली आई तो पीएम मोदी ने नई जगह चुनी। इस बार वे उत्तराखंड के हारसिल में जवानों संग मिलने पहुंचे। उन्होंने तब केदारनाथ मंदिर में दर्शन भी किए थे।
पीएम मोदी ने 2017 की दिवाली भी एलओसी के पास मनाई थी। तब वह कश्मीर के गुरेज सेक्टर में तैनात जवानों से मिलने पहुंचे थे। आर्मी जैकेट और सनग्लासेज पहने पीएम मोदी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘मैं जब भी आपसे हाथ मिलाता हूं मुझे बड़ी ऊर्जी मिलती है। मैं देखता हूं कि इन कड़े हालात में आप कैसे तपस्या और त्याग’ कर रहे हैं।’
साल 2016 की दिवाली पीएम मोदी ने भारत-चीन बॉर्डर पर बनाई थी। तब वह ITBP, इंडियन आर्मी और डोगरा स्काउट्स के जवानों संग उनकी खुशियों में शरीक हुए थे। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में पीएम मोदी ने ITBP-आर्मी बेस कैंप पर जवानों के साथ 15-20 मिनट बिताए और उनमें मिठाइयां बांटी थीं।
पीएम मोदी की 2015 वाली दिवाली अमृतसर में मनी थी। तब उन्होंने डोगराय वॉर मेमोरियल जाकर 1965 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसके बाद उन्होंने सैनिकों संग वक्त गुजारा था।
2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली दिवाली सियाचिन में जवानों के साथ मनी। दुनिया की सबसे ऊंची बैटलफील्ड पहुंचकर पीएम मोदी ने जो परंपरा रखी थी, उसे वे आजतक निभा रहे हैं। हर साल दिवाली पर पीएम मोदी जवानों के बीच होते हैं।