शरत सांकृत्यायन
पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं…सरकार का कहना है कि उत्पादन में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ा है…लेकिन सवाल यह है कि कच्चे तेल की कीमतें तो पिछले छः आठ महीनों से बढ़नी शुरू हुई हैं…इसके पहले तो लगभग चार साल तक ये लगातार नीचे ही जा रही थीं…फिर उस समय इसका फायदा आम लोगों को क्यों नहीं मिला….दरअसल चार पांच साल पहले तक कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकारें सब्सिडी दिया करती थी जो कि परोक्ष रूप से ही हमारा ही पैसा होता था….जब कच्चे तेल की कीमतें गिरने लगीं तो सरकार ने भी सब्सिडी कम करना शुरू कर दिया और साथ में एक्साईज ड्यूटी भी भी बढ़ाते चली गयी….2014 से 16 के बीच सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई और 17 में सिर्फ एक बार 2 रु. प्रति लीटर कम किया…और इस बीच दी जाने वाली सब्सिडी भी लगभग समाप्त की जा चुकी है…अब इन सारी कवायदों से फायदा किसे हुआ….आम उपभोक्ता को तो कोई राहत मिली नहीं… फायदा हुआ सरकार को….और इस फायदे का इस्तेमाल सरकार ने तेल उत्पादक देशों के कर्ज को चुकाने में किया….साथ ही लम्बे समय से घाटे में चल रही तेल कंपनियां घाटे से उबरकर मुनाफे में आ गयीं…चलो, ये सारे काम तो हुए लेकिन आम आदमी कहां जाए…उसे तो लगातार बढ़ी कीमतों की ही मार झेलनी पड़ी है….तो ऐसे में सरकार के पास कीमत कम करने के उपाय क्या हैं…यदि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के अंदर ले आया जाता है तो एक झटके में कीमतें 20 से 25 फीसदी कम हो सकती हैं…लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा राज्य सरकारें हैं…. उनकी रेवेन्यू का काफी बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले वैट और सेल टैक्स से आता है…साथ ही केन्द्र के एक्साइज ड्यूटी का भी 40 से 42 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को जाता है…इसलिए सरकारें अपनी आमदनी के इस बड़े स्त्रोत में छेड़छाड़ नहीं चाहतीं…लेकिन आज न कल केन्द्र सरकार को फैसला तो लेना ही पड़ेगा….तात्त्कालिक राहत जहां से मिल सकती है वो है एक्साइज ड्यूटी में कटौती….भई, जब कच्चे तेल की कीमतें कम थीं तब आपने नौ बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर उपभोक्ताओं को इसके फायदे से दूर रखा…अब जब कीमतें बढ़ रही हैं तो आपका फर्ज है कि पिछले चार साल में जो 11-12 रु. प्रति लीटर ड्यूटी आपने बढ़ाई है उसे वापस लें….खैर, कीमतें जिस रफ्तार से ऊपर की तरफ भाग रही हैं, सरकार जल्द ही कोई न कोई फैसला जरूर लेगी।