योग गुरु बाबा रामदेव के द्वारा दलित समाज की महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी कर बुरे फंस सकते हैं. दलित महिलाओं पर की गई टिप्पणी उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. पटना हाईकोर्ट ने 2014 में बाबा रामदेव द्वारा की गयी इस टिप्पणी पर कल संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ सम्मन जारी किया है.
कोर्ट ने सम्मन जारी करते हुए बाबा रामदेव को 6 नवंबर को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है. बाबा रामदेव के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत पटना न्यायालय में जनता दल यूनाईटेड के विधायक सह पूर्व मंत्री श्याम रजक ने 28 अप्रैल, 2014 को परिवाद दाखिल कराया था. बाबा रामदेव के खिलाफ दायर परिवाद को प्रथमदृष्टया सही पाया गया है. अजा व अजजा अधिनियम-1989 की धारा 3 (1) (10) के तहत पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश की अदालत ने सही पाते हुए समन जारी किया है.