बिहार: नीतीश कुमार ने बाल विवाह को रोकने के लिए शुरू किया एक अभियान जिसके तहत उन सभी इंटर पास छात्राओं को 10 हज़ार रुपये दिए जाएंगे जिनकी शादी नहीं हुई है. इस अभियान का उद्देश्य है कि राज्य में बाल विवाह का गलत फायदा उठाते हुए बच्चियों के बचपन को न छीना जाये. शादी की जगह वह पढ़ लिखकर अपने माँ बाप का नाम रोशन करे. इस योजना को राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को मंज़ूरी दी है.
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ये योजना इसी वर्ष से लागू कर दी गई है जिसके तहत करीब ढाई लाख छात्राओं को लाभ मिलेगा. इसके अलावा नीतीश कुमार की सरकार ने अब साइकिल योजना में भी पांच सौ रुपये की राशि का इज़ाफ़ा किया है इसलिए छात्राओं को अब ढाई हज़ार की जगह तीन हज़ार की राशि दी जाएगी.
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माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने बाल विवाह के बहाने महिलाओं और छात्रों के बीच अपनी पैठ और मजबूत करने के लिए इन दोनों योजनाओं पर कैबिनेट की मुहर लगा कर इसी वित वर्ष से लागू कर दिया है. दरअसल, नीतीश को इस बात का अंदाज़ा है कि नये वोटर की भूमिका लोकसभा हो या विधानसभा, चुनाव में वह अहम होने वाली है. इसलिए चुनाव के कुछ महीने पूर्व उन्होंने ये योजना लागू कर दी है.
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अभी बिहार सरकार जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने तक बच्चियों को क़रीब 54100 की राशि दे रही है. सरकार का मानना है कि जब तक कोई प्रोत्साहन राशि बाल विवाह जैसे प्रथा के ख़िलाफ नहीं दी जाती है तब तक इस योजना का सफल होना मुमकिन नहीं है.