पिछले तीन दिनों से सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चल रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नीतीश सरकार ने तगड़ा झटका दिया है. नीतीश कसरकार ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया है. इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने राज्य के सभी जिलाधिकारीयों को पात्र लिखा है.
प्रधान सचिव आरके महाजन ने पात्र जारी कर सभी डीएम और सिविल सर्जन को आदेश दिया है कि हड़ताली संविदा कर्मियों को सेवा से मुक्त कर उनकी जगह दूसरे कर्मियों की बहाली करें. सरकार के इस फैसले के बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया है इस कार्रवाई के फैसले के विरोध में सूबे के सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करने और आत्मदाह की चेतावनी दे डाली है.
राज्य संविदा स्वास्थ्य संघ के सचिव ललन कुमार सिंह का कहना है कि 4 दिसंबर से राज्यभर के 80 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर थे जिसमें हेल्थ मैनेजर, कांट्रैक्ट एमबीबीएस चिकित्सक, आयुष चिकित्सक, पारामेडिकल कर्मी, संजीवनी डाटा ऑपरेटर, डीसीएम, बीसीएम हैं. सरकार के इस फैसले पर आन्दोलन करने की चेतावनी दे डाली है. सरकार के इस फैसले पर स्वास्थ्य कर्मियों ने आन्दोलन और तेज करने की चेतावनी दे डाली है. गौरतलब है कि ए ग्रेड की एएनएम पहले से ही हड़ताल पर हैं. इन सभी के आन्दोलन पर चले जाने के कारण राज्य कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है