महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और नई पहल

राष्ट्रीय राजधानी की धरती पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के बाद महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ओर नई पहल करते हुए 600 कामकाजी जरूरतमंद महिलाओं को स्व रोजगार स्वाबलंबन के लिए ई रिक्शा दे कर एक नई पहल का शुभारंभ किया गया।स्वदेशी जागरण फाउंडेशन द्वारा प्रेरित चौपाल के माध्यम से दानवीर लाला मोतीराम अग्रवाल जी की पुण्य स्मृति में,600 साधनहीन कामकाजी महिलाओं के आर्थिक स्वालम्बन हेतु लघु लोन एवं केदारनाथ साहनी स्वरोजगार ई-रिक्शा योजना द्वारा 201 ई -रिक्शा हेतु लोन वितरण का कार्यक्रम का शुभारम्भ केंद्रीय विद्यालय ग्राउंड मेन जी.टी.रोड, निकट शाहदरा मेट्रो स्टेशन,पर भव्य समारोह   सम्पन्न हुआ।स्वदेशी जागरण मंच के चौपाल के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के लिए 600 महिलाओं को ई रिक्शा एवम मुद्रा ऋण प्रदान  किया, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में  श्री मदन दास देवी (वरिष्ठ प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ),  श्री मनोज तिवारी (सांसद एवम प्रदेश अध्यक्ष दिल्लीभाजपा), श्री महेंद्र पांडे (राष्ट्रीय कार्यलय मंत्री भाजपा)  किरण चौपड़ा (संरक्षिका,त्र), पर उपस्थित रहे।मुख्य अतिथि मदन दास देवी ने जनता को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण फाउंडेशन  के  चौपाल संस्था के भद्र प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अमीरों  के बारे में हर कोई सोचता है, लेकिन गरीब के बारे में भी सोचना जरूरी है। गरीब के कल्याण की सोच बनाने से समाज का विकास होगा। समाजवाद में ऊपर वाले को नीचे खींचना नहीं चाहिए, बल्कि नीचे वाले को ऊपर ले जाकर बीच की दूरी का पाटने का काम करना चाहिए। पंडित दीन दयाल उपाध्याय इसी सोच के साथ काम करते थे। पुरुषों की अपेक्षा महिलाये अधिक विश्वास की पात्र होती उन्होंने कहा कि पुरुषों में लोन मरने की संभावना होती है, लेकिन महिलाएं विश्वासी होती हैं और वे लोन की राशि को चुकाने की हिम्मत रखती है। इसलिए आज सामाजिक संस्थाएं पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को लोन देना पसंद करती हैं। मदन दास देवी ने महिलाओं को उनका हक दिलवाने एवम बराबरी का स्तर प्राप्त करने का पक्ष रखते हुए कहा कि हर युग में महिलाओं ने अपनी योग्यता का परचम लहराया है, लेकिन फिर भी यह देखने को मिलता है कि हर युग में उन्हें भेदभाव और उपेक्षा का भी सामना करना पड़ा है। महिलाओं के प्रति भेदभाव और उपेक्षा को केवल महिलाओ को आत्मनिर्भर बना कर ही दूर किया जा सकता है और ये काम चौपाल संस्था बखूबी निभा रही है  उन्होंने बताया कि कि लघु ऋण योजना यूरोप व अमेरिका में प्रचलित है। देश में  चौपाल संस्था  पीएम की स्टार्ट अप इंडिया के साथ काम करती नजर आ रही है।  चौपाल का आज तक एक पैसा भी नहीं मरा, ये अच्छा संकेत है कि देश के आर्थिक विकास में चौपाल संस्था एक मिसाल कायम करके देश को एक नई दिशा दिखा रही है।  चौपाल संस्था की मुख्य संरक्षिका किरण शर्मा चोपड़ा ने कहा कि मंगल पर जीवन हर कोई तलाश रहा है, लेकिन जीवन में मंगल लाने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। महिला आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो जीवन में मंगल आएगा। चौपाल संस्था ने महिलाओं को ई रिक्शा दे कर उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ साथ  महिलाओं को सम्मान देने की शुरुआत की है।

दिल्ली की महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनकर सबको दिखा दिया  है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरषो से कम नही है अब चौपाल के माध्यम से सम्पूर्ण देश की महिलाओं की बारी है। सरकार के साथ समाज के जुड़ने से ही राष्ट्र का निर्माण होगा।  चौपाल के इस कार्यक्रम के संयोजक जितेंद्र महाजन पूर्व विधायक ने कहा कि भोला नाथ विज जी ने चौपाल की शुरूआत नागपुर से की थी और फिर दिल्ली में 47 समारोह आयोजित किए। यहां पर करीब 22 हजार महिलाओं को ऋण दिया गया। बड़े लोग लोन लेकर पैसा नहीं चुकाते हों, लेकिन महिलाएं ऋण लेती हैं तो वे चुकाती भी हैं।  महिलाओ को काम दिलवाना चौपाल का प्रमुख उद्देश्य है।इस अवसर पर क्षेत्र के सांसद एवम दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने संस्था के प्रयासों की प्रसंशा करते हुए कहा उन्हें खुशी हो रही है कि उनका संसदीय क्षेत्र महिलाओ की आत्मनिर्भरता का गवाह बन रहा है और ये पावन पुनीत कार्य उत्तर पूर्वी संसदीय क्षेत्र में सम्पन्न हो रहा है। उन्होंने महिलाओ को प्रेरित करते हुए कहा कि चौपाल संस्था आपकी अभिभावक बन कर उभरी है अब आपको आत्मनिर्भर बनने का संकोच त्याग देना चाहिए । पुरूषों की भाँति महिलाएँ भी देश की समान नागरिक हैं और उन्हें भी स्वावलम्बी होना चाहिये ताकि समय आने पर वह व्यवसाय कर सकें और अपने परिवार को चलाने में मदद कर सकें। यही जागरूकता ही तो उनके, उनके परिवार के व देश के विकास को गति देगी एवं एक नई दिशा देगी। एक खुशहाल भविष्य की कामना करते हुए इस बात का संकल्प कीजिये- मैं अपने हुनर को पहचानूँगी और स्वावलम्बी बनकर दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनूँगी, मैं खुद एक आत्मनिर्भर लड़की हूँ जोकि घर और व्यवस दोनों को सुविधा जनक तरीके से प्रबंध करती हूँ। ना मैं डॉक्टर हूँ, ना मैं वकील और ना ही अध्यापिका ही, पर हाँ मैं आत्मनिर्भर हूँ और ई रिक्शा चला कर स्वंलम्बी महिला हूँ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी जी ने अपने उदबोधन में चौपाल संस्था के उद्देश्यों देश हित के लिए बताते हुए कहा कि एक सुखी जीवनयापन के लिए किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी अति आवश्यक है है जोकि हमारे कौशल में निखार लाता है और हमारे व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव में वृद्धि करता है। व्यवहारिकता, अनुभव और कौशल विपरीत से विपरीत स्थिति में भी जीवनयापन में सहायता करता है। ऐसा नहीं है कि अशिक्षित महिलाओं में कौशल एवं हुनर कम है। कृषि, कुटीर उद्योग, पारम्परिक व्यवसाय, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय जैसे कार्यों से महिलाओं को अपने इस हुनर को बाहर लाना है और देश की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनना हैैं,आज चौपाल संस्था द्वारा महिलाओ को ई रिक्शा प्रदान करके इन महिलाओं को देश की अर्थव्यवस्था में उनका योगदान निश्चित कर दिया ।इस अवसर पर संस्था के द्वारा किये गए कार्यो को भूरी भूरी प्रसंशा की। महेंद्र पाडेय राष्ट्रीय कार्यलय मंत्री ने भी उपस्थित लोगों से चौपाल के उद्देश्यों से जुड़ने एवम सहयोग का आवाहन किया

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