सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी उग्रवादी गुटों पर अपनी सख्ती जारी रखते हुए म्यांमार सीमा के अंदर बड़ी संख्या में नगा उग्रवादियों को मार गिराया है। सेना ने बुधवार की सुबह उग्रवादी संगठन एनएससीएन-के उग्रवादियों की म्यांमार सीमा के अंदर से की गई फायरिंग पर जवाबी आपरेशन को अंजाम देते हुए उन्हें मार गिराया। इस सैन्य आपरेशन में सेना के किसी जवान को कोई क्षति नहीं पहुंची। साथ ही सेना ने साफ किया कि यह सैन्य आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक नहीं थी।
सेना के पूर्वी कमान ने एक बयान जारी कर म्यांमार सीमा पर हुई इस कार्रवाई की जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि म्यांमार सीमा पर तैनात भारत की एक सैन्य टुकड़ी पर म्यांमार सीमा के भीतर से नगा उग्रवादी गुट के उग्रवादियों ने फायरिंग की। इन उग्रवादियों की पहचान स्पष्ट नहीं हुई हालांकि माना जा रहा कि वे एनएससीएन- के गुट के उग्रवादी थे।
सेना के अनुसार भारतीय फौज की कार्रवाई के बाद म्यांमार सीमा के उस इलाके में मौजूद उग्रवादी भाग खड़े हुए। साथ ही इस आपरेशन के बाद सेना को अपने स्तर पर मिली सूचनाओं के अनुसार इस कार्रवाई में विद्रोही उग्रवादी गुट को जबरदस्त नुकसान हुआ और बड़ी संख्या में उनके उग्रवादी मारे गए हैं। पूर्वी कमान ने म्यांमार सीमा के भीतर हुई इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बयान में यह भी साफ कर दिया कि सेना ने आपरेशन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। बताया जाता है कि म्यांमार सीमा के भीतर उग्रवादियों के खिलाफ यह कार्रवाई सुबह करीब तीन बजे शुरू हुई जब नगा विद्रोही गुट ने भारतीय सीमा क्षेत्र में सेना की टुकड़ी को देखा। कुछ मीडिया चैनलों पर इसे सर्जिकल स्ट्राइक बताने के बाद आधिकारिक सैन्य सूत्रों ने साफ किया कि जब सीमा पार ही नहीं किया गया तो इसे सर्जिकल स्ट्राइक बताना गलत है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी म्यांमार आपरेशन के सर्जिकल स्ट्राइक होने के बारे में पूछे जाने पर सेना के बयान को ही सही ठहराया। उन्होंने कहा कि इस मामले में दो नजरिया नहीं हो सकता और म्यांमार हमारा मित्र देश है। गृहमंत्री ने कहा कि इस बारे में जो भी सूचना होगी वह मीडिया से साझा की जाएगी।