मुजफ्फरपुर : बालिका गृह में यौनशोषण का विरोध करने पर हत्या कर छिपाये गये किशोरी के शव के अवशेष की बरामदगी के लिए सोमवार को मजिस्ट्रेट शीला रानी गुप्ता की मौजूदगी में परिसर में खुदाई की गयी. इस दौरान कोई अवशेष नहीं मिला. पुलिस ने श्वान दस्ते का सहारा लेकर दुबारा खुदाई की. पांच घंटे तक दो-दो जगहों पर खुदाई के बाद जब कुछ नहीं मिला तो वहां की मिट्टी का नमूना लिया गया.
नमूने को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जायेगा. एसएसपी का कहना है कि जांच के दौरान कई सबूत मिले हैं, जिसे जांच की जा रही है. सोमवार को दिन के 11 बजे ही पूरी टीम बालिका गृह परिसर पहुंचने लगी थी. इसके बाद 12 बजे पटना से लायी गयी तीन किशोरियों से स्थल को चिह्नित कराया गया. 12.30 बजे खुदाई शुरू हुई. 35 मिनट तक जेसीबी से खुदाई करने के बाद दोपहर 1.05 बजे बंद कर दिया गया.
खुदाई में वहां कुछ भी नहीं मिला. इसके बाद दोपहर 1.20 बजे एसएसपी हरप्रीत कौर बालिका गृह पहुंचीं. पटना से लायी गयी तीनों किशोरियों से एसएसपी ने सादे लिबास में पूछताछ की. इसके बाद अपराह्न करीब 4 बजे डॉग स्क्वायड बुलाया गया. डॉग स्क्वायड की निशानदेही पर 4.35 बजे पूर्व के खुदाई स्थल की बगल में खुदाई शुरू हुई, लेकिन वहां भी कुछ नहीं मिला. इसके बाद शाम पांच बजे खुदाई बंद कर खुदाई स्थल पर मिट्टी भरने का कार्य शुरू हुआ.
यह था मामला : साहू रोड स्थित बालिका गृह में यौनशोषण का खुलासा होने के बाद बच्चियों को पटना, मोकामा और मधुबनी शिफ्ट कर दिया गया था. पटना शिफ्ट की गयी किशोरियों में से एक ने कहा था कि यौनशोषण का विरोध करने पर एक किशोरी के साथ मारपीट की गयी थी. इसके बाद उसकी मृत्यु हो गयी. संचालक ने बालिका गृह परिसर में ही गढ्ढा खोद कर छिपा दिया था. उसके बयान के बाद पुलिस ने कोर्ट से आदेश लिया था.