रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों मधुमक्खी पालन अपनाकर ‘मधु क्रांति’ और परिवहन के लिए जलमार्गो का उपयोग बढ़ाकर ‘नीली क्रांति’ का आह्वान करने को कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने सौराष्ट्र के अमरेली में सहकारी समितियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐसे कई सुझाव दिए जिनसे किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हरित और श्वेत क्रांति के बाद समय अब नीली और मधु क्रांति का है.
उन्होंने कहा कि इन दोनों क्रांतियों में सौराष्ट्र के लोगों का जीवन बदल देने की ताकत है. मोदी ने बताया कि मधु क्रांति के जरिये किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं. मोदी ने राज्य की विभिन्न सहकारी दुग्ध समितियों के संगठनों से अनुरोध किया कि वे किसानों से शहद इकट्ठा कर उसकी बिक्री करें ताकि किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो. वहीँ जलमार्गो को बढ़ावा देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में देश का सबसे बड़ा समुद्र तट है और सौराष्ट्र क्षेत्र जल आधारित परिवहन व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ उठा सकता है.
प्रधानमंत्री ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे अपने खेतों की सीमाओं पर इमारती लकड़ी उगाये. उन्होंने बताया कि अभी देश में इमारती लकड़ी का आयात किया जाता है और अगर देश के किसान ही ही इसको उगाने लगें तो दीर्घकाल में इसका काफी फायदा देखने को मिलेगा. साथ ही उन्होंने किसानों को ड्रिप सिंचाई अपनाने और भूजल निकालने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया. मोदी ने कहा कि इससे लागत में कमी आएगी और फायदा ज्यादा होगा.