बिहार अपडेट: दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के तौर पर दो साल पूरा करने वाले अभिनेता से नेता बने मनोज तिवारी एक ने दिल्ली में सियासत की हर दांव चली और इन दो सालों में देश की राजनीति तक में खुद को स्थापित किया। लीक से हटकर पार्टी आलाकमान द्वारा एक पूरबिया व सियासत में अनुभवहीन समझे जाने वाले चेहरे पर दांव लगाना अब तक सही साबित हुआ है। इन्होने पूर्वांचल के साथ, अन्य वर्गों को साधने में कामयाब रहे हैं। और, यही कारण है कि आज उनकी गिनती भाजपा के सबसे ज्यादा मांग वाले स्टार प्रचारकों में होती है।
पूर्वाचल के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए उन्होंने झुग्गी बस्तियों में रात्रि प्रवास किया। रामलीला मैदान में पूर्वाचल के लोगों की बड़ी रैली करके उन्होंने विरोधियों को संदेश दे दिया है कि पूरब के लोग अब भाजपा के साथ हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को घेरने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। दिल्लीवासियों के साथ खड़े होकर उन्होंने विरोधियों पर बढ़त बनाई। हालांकि, इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के भी चक्कर लगाने पड़े। इससे पहले कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के साथ खड़े होकर उन्होंने मोदी विरोधियों से मुद्दा छीनने में सफल रहे थे।
मनोज तिवारी दिल्ली समेत देशभर में पूरबियों के बीच खासे चर्चित हैं। गायक और अभिनेता से राजनेता बने मनोज तिवारी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। दिल्ली में करीब 40 फीसदी वोटर पूर्वांचल के हैं। 70 में से कई सीटों पर पूरबियों का दबदबा है