वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई जयंती पर दौड़ का आयोजन

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नई दिल्ली,  वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जयंति के उपलक्ष्य में देश के सबसे बड़े महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति के तरूणी विभाग और शरण्या (समाज उत्थान संस्थान) ने संयुक्त रूप से “मणिकर्णिका एक निरंतर दौड़ देश के लिए” का आयोजन किया। 5 किलीमीटर लंबी इस दौड़ में करीब 2,000 युवतियों और महिलाओं ने भाग लिया। दौड़ के उपरांत पांच प्रथम, 15 द्वितीय और 25 तृतीय पुरस्कार दिए गए।

महिला सशक्तीकरण की आदर्श हैं महारानी लक्ष्मी बाई : विजया शर्मा

इस अवसर पर सुश्री विजया शर्मा, प्रचारिका, राष्ट्र सेविका समिति, दिल्ली प्रांत ने अपने ओजपूर्ण संबोधन से भागीदारों में जोश भरा। उन्होंने महारानी लक्ष्मी बाई के संघर्ष और बलिदान की गौरव गाथा सुनाते हुए युवतियों को उनसे प्रेरणा लेने और राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि विदूषी महारानी लक्ष्मी बाई महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार ही नहीं, कुशल प्रशासक और सक्षम प्रजापालक भी थीं। जीवन के हर क्षेत्र में, हर मोड़ पर वो हमें प्रेरणा देती हैं। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने जब महिला विंग का गठन किया तो उसे नाम दिया – रानी झांसी रेजीमेंट। इस रेजीमेंट की प्रमुख का नाम भी लक्ष्मी (लक्ष्मी सहगल) था।

हर महिला में छुपी है एक महारानी लक्ष्मी बाई, आवश्यता है उसे जगाने की : सुनीता भाटिया

इस अवसर पर श्रीमती सुनीता भाटिया, कार्यवाहिका, राष्ट्र सेविका समिति, दिल्ली प्रांत ने कहा कि हर महिला में एक महारानी लक्ष्मी बाई छुपी है जो हालात से संघर्ष करना जानती है, आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, आवश्यकता है तो इसे जगाने की। उन्होंने कहा कि मणिकर्णिका दौड़ एक प्रयास है युवतियों और महिलाओं को उनकी आंतरिक शक्ति का अहसास दिलाने का, उन्हें प्रेरणा देने का कि वो भी कठिन से कठिन परिस्थिति में सफल हो सकती हैं।

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दौड़ को हरी झंडी दिखाई लेफ्टिनेंट मंजू, पहलवान सुश्री टीना शर्मा, सुश्री बी बी बुलबुल (सुप्रसिद्ध पहलवान और पहलवान खली की बहन) और सुश्री राजलक्ष्मी मंडा ने। सुश्री राजलक्ष्मी ने दिल्ली से गुजरात में स्टैच्यु ऑफ़ युनिटी का सफर मोटरसाइकिल पर तय किया है। वो 90 टन के ट्रक को खींचने का रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता की डॉक्टर रजनी सरीन ने। विशिष्ट अतिथि थीं प्रोफेसर (डॉक्टर) तनुजा मनोज नेसरी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और सुश्री बिंदु डालमिया, सदस्य नीति आयोग।

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