बिहार अपडेट:- आज संपूर्ण विश्व चाइनीज कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है। विज्ञान अपनी पूरी ताकत इसका मुकाबला करने में लगा रहा है। लेकिन वहीं कुछ जानकार लोग ऐसे भी हैं जो वैदिक मंत्रों के माध्यम से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करके एस महामारी से लड़ने का प्रयास कर रहें हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं विजयवाड़ा के रहने वाले डॉ चेन्ना केशव शास्त्री। डॉ शास्त्री वैदिक चिकित्सा में पी एच डी हैं। डॉ शास्त्री का कहना है कि हमारे वेद मंत्रों में इतनी ताकत है कि इनसे असाध्य से असाध्य रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। ऐसा ही है महा मृत्युजंय मंत्र। महामृत्युंजय मंत्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रुद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इस मंत्र में शिव को ‘मृत्यु को जीतने वाला’ बताया गया है। यह गायत्री मंत्र के समकक्ष हिंदू धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मंत्र है।
ऋषि-मुनियों ने महा मृत्युंजय मंत्र को वेद का ह्रदय कहा है। चिंतन और ध्यान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अनेक मंत्रों में गायत्री मंत्र के साथ इस मंत्र का सर्वोच्च स्थान है।
डॉ शास्त्री का कहना है कि अगर सुबह-शाम एक एक घंटा परिवार सहित ‘शिवाय नम:’ का पाठ किया जाये तो कोरोना से होने वाले खतरे का मुकाबला किया जा सकता है।
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