महागठबंधन के बिखरने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अब शरद यादव को नया सियासी पार्टनर बनाना चाहते हैं। लालू की मानें तो शरद आठ अगस्त को पटना आने वाले हैं। वे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की नौ अगस्त से मोतिहारी से माधोपुर तक होने वाली यात्रा में साथ देंगे। हालांकि, शरद यादव ने जदयू विरोधी किसी भी गतिविधि से इन्कार किया है।
चारा घोटाले में सुनवाई के लिए रांची गए लालू ने दावा किया है कि शरद आठ अगस्त को पटना आ रहे हैं। हम साथ मिलकर 2019 में भाजपा का मुकाबला करेंगे। लालू के मुताबिक जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शुरू से ही भाजपा एवं आरएसएस के विरोधी रहे हैं। वे सांप्रदायिक शक्तियों से समझौता नहीं करेंगे। इसके पहले तेजस्वी यादव ने भी दावा किया था कि नीतीश सरकार से अलग होने के बाद शरद यादव से उनकी हर दिन बात हो रही है। भाजपा विरोधी अभियान में वे उनके साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद से नाराज चल रहे शरद यादव ने 17 अगस्त को दिल्ली में सांप्रदायिकता के खिलाफ सेमिनार करने की भी घोषणा कर रखी है। इस बीच उनके करीबियों ने अलग पार्टी बनाने की बात भी कही। लेकिन, शरद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे जदयू के स्थापना काल से पार्टी में हैं। वे पार्टी नहीं छोड़ने जा रहे। अगर किसी ने भावना में बहकर ऐसी प्रतिक्रिया दी है तो यह उसकी निजी राय है।