वित्तीय साक्षरता प्रभावी मानव पूँजी निर्माण का द्वार है। वित्तीय कौशल जीवन स्तर को बढ़ाने और समग्र विकास में योगदान करने में मदद करता है । वित्तीय रूप से स्मार्ट भारत ही दुनिया में एक प्रमुख मजबूत शक्ति बन सकता है । ऐसे में सीबीएसई द्वारा विशेष रूप से जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली दयानंद प्रेक्षा गृह में शिक्षकों के लिए वित्तीय साक्षरता और डिजिटल टूल्स पर ऑफ लाइन मोड में दो घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रिसोर्स पर्सन के रूप में कॉरपोरेट टेलीकॉम वॉयस और नॉन वॉयस सेक्टर में 14 से अधिक वर्षों के अनुभवी प्रशिक्षक श्री देवाशीष बंदोपाध्याय ने विद्यालय के 150 शिक्षकों को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को मुख्य रूप से बचत, निवेश, बीमा, मोबाइल बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग में हो रही धोखाधड़ी से बचाव इत्यादि के विषय में जानकारी दी गयी। साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक योजनाओं का साकार करते हुए वित्तीय सुरक्षा से संबंधित केंद्रीय बैंक और सामान्य बैंकिंग अवधारणाओं के बारे में भी बताया गया।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में, भारतीय स्कूलों में सभी के लिए वित्तीय शिक्षा अनिवार्य बनाने की आवश्यकता है जिससे कि शिक्षक बेहतर तरीके से अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए स्वयं को अपडेट कर सकें और छात्रों में भी इस विषय को लेकर अभी से जागरूकता आए।
प्रशिक्षण स्थल पर शिक्षकों में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिला। उनके जिज्ञासाओं की भी समाधान रिसोर्स पर्सन ने बखूबी किया ।