‘जनता को न्याय जनता की भाषा’: नितिन निचौड़िया

 

प्रयास ही सफलता बनते है। इस तरह के छोटे छोटे प्रयासो से ही दिल्ली के न्यायालयों में दिल्ली की राज भाषा हिंदी में कार्य आरंभ होगा और जनता को न्याय जनता की भाषा में मिलेगा। भारतीय भाषा आंदोलन दिल्ली प्रान्त के महामंत्री नितिन निचौड़िया ने बताया कि वर्ष 2020 में जिला न्यायालय कड़कड़डूमा के जिला उत्तर-पूर्वी में एन आई अधिनियम के अंतर्गत धारा 138 में हिंदी में वाद दाखिल किया गया और साथ ही साक्ष्य शपथ पत्र भी हिंदी में दिया गया। जब सितंबर 2020 में यह वाद दाखिल हुआ, तब भी हिंदी पखवाड़ा चल रहा था और संयोगवश अभी भी हिंदी पखवाड़ा चल रहा है। दुर्भाग्य की बात है की हिंदी पखवाड़े में भी माननीय न्यायाधीश महोदय को यह आपत्ति थी की उन्होंने हिंदी में वाद दायर क्यों किया है। पिछले आदेश में उन्होंने यह बात अंकित भी की थी की हिंदी में वाद दायर नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा कोई प्रावधान मौजूद है तो वादी के अधिवक्ता व शासकीय अधिवक्ता माननीय न्यायालय के समक्ष दस्तावेज पेश करें अन्यथा अंग्रेजी का अनुवाद दाखिल करे।

नियत तारीख को भारतीय भाषा आंदोलन के प्रांत मंत्री श्री केशव वत्स जी ने दंड प्रक्रिया संहिता में मौजूद प्रावधान, दिल्ली सरकार का राजपत्र, जिला एवं सत्र मुख्यालय से जारी आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि व अन्य प्रावधान माननीय न्यायधीश महोदय को समझाए।फलस्वरूप वादी का साक्ष्य शपथ पत्र हिंदी में स्वीकार करते हुए, प्रतिवादी को आदेश जारी कर दिया गया है।

भारतीय भाषा आंदोलन दिल्ली द्वारा हिंदी में लिखना आरंभ कर दिया है आप भी करे अच्छा लगता है।

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