लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित जलियांवाला बाग शताब्दी समारोह में प्रतिष्ठित उद्यमी, समाजसेवी, फिल्म प्रस्तोता और अंतर्राष्ट्रीय पंजाब मंच के संस्थापक-सह- जलियांवाला बाग शताब्दी स्मारक समिति के संरक्षक डॉ. राजू चड्ढा ने कहा, ‘इस भयानक घटना ने भारतीयों की आने वाली पीढ़ियों के मन में एक अपरिवर्तनीय निशान छोड़ दिया है। ऐसे में आवश्यक है कि ब्रिटिश सरकार उस वक्त किए गए अमानुषिक कृत्यों एवं अत्याचारों के लिए बिना शर्त माफी मांगे। एकमात्र यही उपाय हमारे घावों को ठीक कर सकता है।’
डॉ. चड्ढा ने लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें पंजाबी समुदाय के प्रतिष्ठित लोगों और विभिन्न क्षेत्रों से प्रबृद्धजनों का समावेश था। प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों में लॉर्ड राज लूम्बा, लॉर्ड मेघनाद देसाई, यूके के भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम, बलबीर सिंह कक्कड़, मनजीत सिंह जीके, विक्रमजीत सिंह साहनी, भमिंदर सिंह चड्ढा के साथ फिल्म निर्माता राहुल मित्रा प्रमुख रूप से शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अगर 1914 में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कोमागाटा मारू घटना के लिए औपचारिक रूप से माफी मांग सकते हैं, जिसमें सैकड़ों भारतीय यात्रियों को कनाडा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था और उन्हें भारत वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया था, तो ब्रिटिश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है। इसलिए ब्रिटिश सरकार को भी बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।