16 अगस्त, 2022 को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और सहकार भारती के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन में अर्थ गंगा के जनादेश को साकार करने की दिशा में उनके सहयोग को निर्देशित करते हुए सार्वजनिक भागीदारी, निर्माण और स्थानीय सहकारी समितियों को मजबूत करके एक स्थायी और व्यवहारिक आर्थिक विकास के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की परिकल्पना की गई है। समझौता ज्ञापन के कुछ प्रमुख उद्देश्यों में गंगा बेसिन वाले पांच राज्यों के मेन स्टेम में 75 सहकार गंगा ग्राम स्थापित करना, गंगा बेसिन वाले राज्यों में किसानों, एफ.पी.ओ और सहकारी समितियों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और ‘प्रति बूंद अधिक शुद्ध आय’ उत्पन्न करना, और मार्केटिंग की सुविधा शामिल है। गंगा ब्रांड के तहत प्राकृतिक खेती/जैविक उत्पादों को बाजार से जोड़ते हुए, आर्थिक पुल के माध्यम से लोगों और नदी को परस्पर जोड़ने की गतिविधि को बढ़ावा देना है।
इसकी पहली बैठक गंगा किनारे अवंतिका देवी स्थित संस्कृत महाविद्यालय परिसर, बुलंदशहर में हुई।
इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और सहकार भारती द्वारा संयुक्त रुप से 2 अक्टूबर 2022 को सूर यमुना घाट वजीराबाद, दिल्ली में यमुना महाआरती और 4 अक्टूबर 2022 को बय्यौवार गाँव, सोनीपत, हरियाणा में 200 किसानों के लिए प्राकृतिक खेती एवं स्वयं सहायता समूह के विषय पर किसान की कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं।
इन कार्यक्रमों और कार्यशाला/बैठक का मुख्य उद्देश्य जलज, प्राकृतिक खेती, घाट पे हाट, कीचड़ से उर्वरक, कृषि/बागवानी उत्पादों का बेहतर मार्केटिंग, पर्यटन आदि का अभिसरण सुनिश्चित करने के लिए अर्थ गंगा से संबंधित सभी पहलों को एक साथ लाना है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन व सहकार भारती के बीच हुए सहयोग के आधार पर देश में सहकरिता एवं जल क्षेत्र की सुरक्षा उत्पादकता,पर्यावरण, कृषि आदि के लिए एक नया माहौल तैयार हो रहा है। गंगा किनारे निवास करने वाले लोग गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने की प्रथम इकाई हैं। यहां के निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। गंगा किनारे जैविक खेती को काफी बढ़ावा मिल रहा है, जिससे आने वाले दिनों में निश्चित ही किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।