सर्जना शर्मा
दुर्गा सरकार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे , वो बार बार बोलना चाह रही थी लेकिन रूलाई के कारण शब्द ही नहीं निकल पा रहे थे । किसी तरह अपने आंसुओं पर काबू पा कर उसने बताया कि उसके पति सुकेन सरकार और तीन किशोर बेटों को दिल्ली पुलिस हनुमान जयंती के दिन उठा कर ले गयी । पुलिस ने कहा था केवल पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं लेकिन फिर जेल में क्यों डाल दिया जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन शोभा यात्रा पर हुए हमले में उसके पति और बच्चो को पत्थर लगे थे फिर पुलिस मार खाने वालों को ही ले गयी । दुर्गा रो रो कर सभागार में उपस्थित लोगों से पूछ रही थी मेरी मदद कौन करेंगा । जब वो आपबीती सुना रही तो उसके आंसू देख कर कईंयों की आंखों में आसूं आ गए और माहौल थोड़ा बोझिल हो गया ।
दुर्गा सरकार जहांगीर पुरी के उन भुगत भोगियों में से एक है जिनके लिए हनुमान जयंती की खुशियां दुखों के पहाड़ में बदल गयीं । बुद्धिजीवी महिलाओं के संगठन ग्रुप ऑफ इंटलेक्चुअल्स एंड एकेडेमिशिएन्स की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने जब सोमवार को तथ्यों पर आधारित अपनी जांच रिपोर्ट —– “जहांगीर पुरी वायलैंस 2022 अनटोल्ड स्टोरी “——– मीडिया के सामने पेश की तो साथ ही उन लोगों को भी मीडिया के सामने पेश किया जिनसे मिल कर सारी जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार की गयी । हनुमान जयंती शोभा यात्रा के आयोजक उमाशंकर ने बताया कि जहांगीर पुरी के सी ब्लॉक से जब शोभा यात्रा आगे निकली तो उन्होनें देखा 50-60 लोगों का गुट मस्जिद के पास खड़ा है । शोभा यात्रा मस्जिद से थोड़ा आगे निकली तो पीछे से लाठी डंडे कांच की टूटी बोतलों से हमले शुरू हो गए । मस्जिद के आस पास के घरों से भी महिलाएं और बच्चे पत्थर शीशियां फेंक रहे थे । कुछ ज्वलनशील पदार्थ भी फेंका जा रहा था जिससे एक स्कूटी में आग लग गयी । हमलावर भीड़ से आवाज़े आ रही थीं अंसार भाई कोई बच कर न जाने पाए कोई जिंदा न रहने पाए । उमाशंकर कहते है हमलावर भीड़ में से उन्होने पहचाना अंसार कौन है उसके पास जा कर अनुऱोध किया अपने लोगों को हमले बंद करने को बोलो हमारे लोग निह्त्थे हैं । लेकिन अंसार पर कोई असर न हुआ उसने उल्टे धमकी दी कि रमजान के महीने में हमारे इलाके में शोभा यात्रा निकालने का नतीजा तो भुगतना ही पड़ेगा । अंसार के हाथ में तलवार थी और उसने तलवार से उनकी गर्दन पर वार किया रूद्राक्ष की माला पहने होने के कारण तलवार को वार गहरा घाव नहीं कर पाया । इलाके के विश्व हिंदु परिषद नेता प्रेम शर्मा ने बताया कि शोभा यात्रा की अनुमति नहीं ली गयी ये एकदम गलत है महेंद्रा पार्क और जहांगीर पुरी थाने से बाकायदा लिखित अनुमति ली गयी थी । प्रेम शर्मा बता रहे हैं कि उनको हर रोज़ धमकी भरे फोन आ रहे हैं जिसकी सूचना उन्होनें पुलिस को दे दी है ।
ग्रुप ऑफ इंटलेक्चुअल्स एड एकेडेमिशियनंस यानि जिया की राष्ट्रीय संयोजक जानी मानी वकील मोनिका अरोड़ा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल जहांगीर पुरी गया और दोनों पक्षों के लोगों से मिला । मोनिका अरोडा ने कहा ग्राऊंड जीरो पर जाकर स्थिति की भयावहता और आने वाले भयंकर कल की आहट सुनी जा सकती है । उन्होनें मीडिया , वकीलों , पुलिस और न्याय पालिका को भी खूब खरी खोटी सुनायी और पक्षपात पूर्ण रवैये पर गुस्सा और हैरानी जतायी । मोनिका अरोड़ा ने कहा तथ्यों को हेट स्पीच नहीं कहा जाना चाहिए सच को हेट स्पीच नहीं कहा जा सकता । ये पत्थर और बोतलें किसी एक व्यक्ति या समुदाय पर नहीं बल्कि भारत के संविधान की आत्मा और मूल्यों पर पर हमला है । जहांगीरपुरी वैसे तो हिंदु बहुल है लेकिन रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने साथ घ़ृणा और असहिष्णुता की संस्कृति लेकर आ रहे हैं । जहांगीरपुरी में अवैध लोगों , अवैध व्यापार और अवैध कब्जों की भरमार है । और तो छोड़िए सरकार की चार एकड़ ज़मीन पर भी कबाड़ का अवैध व्यापार चल रहा है । इस कबाड़ में अवैध हथियार छुपा कर रखे जाते हैं इस कबाड़ से शराब और कांच की खाली शीशियां जमा कर ली जाती हैं । सडकों पर अवैध दुकानें अवैध मकान और अवैध मदरसे खुले हैं । मोनिका अरोड़ा ने हैरानी जतायी कि दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे ये सब कैसे हो रहा है । प्रशासन सख्ती क्यों नहीं करता है । उन्होनें बहुत कड़े शब्दों में कहा जहांगीरपुरी में अवैध रोहिग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों की अवैध इकोनोमी धड्डले से चल रही है जिसके उपर अंकुश लगाना ज़रूरी है । उन्होनें अवैध कब्जों और अवैध नागरिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में जा कर पैरवी करने वाले वकीलों की की मंशा और फितरत पर सवाल उठाए उन्होनें कहा ये वही वकील हैं जो शाहीन बाग धरने की पैरवी करते हैं जो उनर खालिद ओऔर कन्हैया की पैरवी करते हैं जो आधी रात को आतंकवादियों की फांसी की सजा रुकवाने की गुहार लगाते हैं । मोनिका अरोड़ा ने चेताया कि यदि ये कट्टरता नहीं रोकी गयी ये देश नहीं बचेगा । वामपंथी मुस्लिम ऱको सिस्टम को रोकना होगा । इनका एक ही पैटर्न है दुनिया भर में जो स्वीदन और फ्रांस में देखने को मिला जो लंदन में देखने को मिला । उन्होनें कहा बुलदोज़र क्यों चता सवाल खड़ा करने से पहले अदालत और मीडिया को ये भी पूछना चाहिए पत्थर क्यों चले । जिया जल्द ही अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सौंपेंगा । जिया ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों पर भी फैक्ट फाइंडिंग टीम का गछन किया था जिसकी रिपोर्ट एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई थी ।